Covid-19 की वजह से दुनिया में रद्द हो सकती हैं 2.8 करोड़ सर्जरी

Webdunia
शुक्रवार, 15 मई 2020 (18:05 IST)
लंदन। दुनिया भर में विभिन्न बीमारियों की वजह से 2.8 करोड़ लोगों की सर्जरी रद्द हो सकती है और मरीजों को अपनी समस्या के समाधान के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यह आकलन हालिया अध्ययन में पेश किया गया है।
 
‘कोविडसर्ज कैलबरैटिव’ नाम से 120 देशों पर किए एक गए शोध में कोविड-19 से पड़ने वाले असर का विश्लेषण किया गया। इसके मुताबिक कोविड-19 की वजह से अस्पतालों में सबसे अधिक उथलपुथल होने से दुनियाभर में 2020 में दो करोड़ 84 लाख सर्जरी या तो रद्द की जा सकती है या उन्हें टाला जा सकता है।
 
ब्रिटिश जर्नल ऑफ सर्जरी में प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक कोविड-19 की वजह से प्रत्येक एक हफ्ते अस्पतालों में उथलपुथल होने पर 24 लाख सर्जरी रद्द हो सकती हैं।
 
शोधदल का नेतृत्व ब्रिटेन स्थित बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया और अध्ययन के मुताबिक दुनिया के 71 देशों के 359 अस्पतालो में सर्जरी से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित की गई है और इन चुनिंदा सर्जरी को रद्द करने की योजना का विश्लेषण किया गया।
 
इस आंकड़ों के आधार पर दुनिया के 190 देशों का आकलन किया गया। शोधकर्ताओं का आकलन है कि कोविड-19 के चरम पर होने पर दुनियाभर में पूर्व निर्धारित करीब 72.3 प्रतिशत सर्जरी रद्द की जा सकती हैं। इनमें अधिकतर गैर कैंसर सर्जरी होंगी। 
शोधकर्ताओं के मुताबिक करीब 12 हफ्तों में सबसे अधिक 63 लाख हड्डी से जुड़ी सर्जरी टाली गई है। अध्ययन का आकलन है कि दुनियाभर में 23 लाख कैंसर से जुड़ी सर्जरी भी या तो रद्द कर दी गई या उसे स्थगित कर दिया गया।
 
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता अनिल भांगू ने कहा, कोरोना वायरस की महामारी के दौरान अधिकतर चुनिंदा सर्जरी को इसलिए टाला गया ताकि मरीजों को कोविड-19 के खतरे से बचाया जा सके और अस्पताल और अधिक क्षमता से वायरस संक्रमितों का इलाज कर सकें। उदाहरण के लिए ऑपरेशन थियेटर को गहन चिकित्सा कक्ष में बदला गया है।
 
भांगू ने कहा, हालांकि, अवश्यक सर्जरी को टालने से मरीज और समाज पर भारी बोझ पड़ेगा। सर्जरी की तारीख को पुन: निर्धारित करने से मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। उनके जीवन स्तर में गिरावट आ सकती है। कुछ मामलों में उदाहरण के लिए कैंसर में लोगों की सर्जरी में देरी की वजह से अनावश्यक मौत तक हो सकती है।
 
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के ही दमित्रि नेपोगोदिव ने कहा इसलिए यह अस्पतालों के लिए आवश्यक है कि वे नियमति रूप से स्थिति का आकलन करें ताकि चुनिंदा सर्जरी की प्रक्रिया को यथा शीघ्र बहाल किया जा सके।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: झारखंड में दिखा मतदान का उत्साह, राज्यपाल संतोष गंगवार ने डाला वोट

Weather Update: पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी भागों में बढ़ी ठंड, दिल्ली एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड का एहसास

ट्रंप ने मस्क को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, विवेक रामास्वामी को भी मिला अहम पद

Jharkhand Election: झारखंड में सत्ता का कौन बड़ा दावेदार, किसकी बन सकती है सरकार

Manipur: जिरिबाम में मेइती समुदाय के 2 पुरुषों के शव बरामद, 3 महिलाएं और 3 बच्चे लापता

अगला लेख
More