नई दिल्ली। कोरोनावायरस जैसे बिन बुलाए मेहमान ने न सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर में मेहमानों की आवभगत करने वाले आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया। चालू साल में 3 तिमाहियों में घरेलू आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र को 15 लाख करोड़ रुपए तक के नुकसान का अनुमान है।
वर्ष 2021 में आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र को हालात में सुधार और सरकार से मदद मिलने की बहुत उम्मीद है।
लॉकडाउन खुलने के बाद अर्थव्यवस्था के अधिकतर क्षेत्र सुधार की राह पर हैं, लेकिन आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र में अभी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
ऐसे में क्षेत्र के विशेषज्ञों ने सरकार से तब तक लक्षित समर्थन देने की गुजारिश की है, जब तक टीके को लेकर लोगों में विश्वास नहीं पैदा हो जाता। इससे उन्हें अपने कारोबार को चालू रखने और लोगों की नौकरियां बचाए रखने में मदद मिलेगी।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (फेथ) के चेयरमैन नकुल आनंद ने कहा कि पिछली एक सदी से भी अधिक समय में ये 3 तिमाहियां उद्योग के लिए सबसे बुरी रही हैं। इस स्थिति के अगली 2 तिमाहियों में तब तक बने रहने की उम्मीद है, जब तक कि सभी लक्षित बाजारों एवं सूत्रों तक टीका नहीं पहुंच जाता।
महामारी की शुरुआत के समय फेथ ने इससे 3 तिमाहियों में आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र पर 10 लाख करोड़ रुपए तक के नुकसान का आकलन किया था। आनंद ने कहा कि एकीकृत आधार पर पहली और दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों के अनुसार आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र में अर्थव्यवस्था के मुकाबले दोगुनी गिरावट देखी गई है। (भाषा)