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कोरोना वायरस के बारे में 10 झूठ जो सबको जानना बेहद जरूरी है

हमें फॉलो करें कोरोना वायरस के बारे में 10 झूठ जो सबको जानना बेहद जरूरी है
, सोमवार, 9 मार्च 2020 (14:27 IST)
दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस पैर पसार चुका है। भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित  लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस को लेकर खूब अफवाहें भी गर्म हैं जिससे लोगों में डर बना  हुआ है। जानिए कोरोना वायरस से जुड़े 10 झूठ और उनकी सचाई-
 
1. क्या सर्दी-जुकाम से फैलता है वायरस?
सच : ऐसा आवश्यक नहीं है। यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में कोरोना वायरस पर हुई रिसर्च में सामने आया है कि  सामान्य फ्लू से पीड़ित व्यक्ति से 3 लोगों तक वायरस फैलता है, वहीं कोरोना से संक्रमित व्यक्ति ज्यादा लोगों  को संक्रमित कर सकता है। फ्लू का उपचार है, लेकिन COVID-19 की किसी वैक्सीन की खोज अभी तक  नहीं हो सकी है।
 
2. क्या संक्रमण का मतलब है मौत?
सच : ऐसा नहीं है कि COVID-19 संक्रमण होना यानी मौत है। चीन में ही कोरोना संक्रमण से प्रभावित 58  हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं। भारत में ही 3 लोग इस बीमारी में रिकवर हो चुके हैं। विशेषज्ञों के  मुताबिक कोरोना के संक्रमण के कारण मौत का खतरा तकरीबन 20 प्रतिशत ही है।
 
3. क्या पालतू जानवरों से है कोरोना का खतरा?
सच : अभी तक किसी रिसर्च में सामने नहीं आया है कि पालतू जानवरों से कोरोना संक्रमण का खतरा हो। वर्ल्ड  हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। हां, जानवरों को छूने के बाद  साबुन से हाथ धोना आवश्यक है।
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4. क्या आ गई है कोरोना की दवाई?
सच- कोरोना वायरस के लिए अभी तक कोई वै‍क्सीन मौजूद नहीं है। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना को खत्म करने वाले वै‍क्सीन की खोज कर रहे हैं। हालांकि चीन ने यह दावा किया है कि उसने वायरस को मारने वाले वै‍क्सीन की खोज कर ली है।
 
5. बच्चों में नहीं है कोरोना का खतरा?
सच- ऐसा नहीं है कि इस जानलेवा वायरस का खतरा बच्चों में कम रहता है, लेकिन सामने आए मामलों में बुजुर्गों और वयस्कों की अपेक्षा बच्चों में इसका असर कम दिखाई दे रहा है। 'चाइना सीडीसी वीकली' में प्रकाशित एक रिचर्स के मुताबिक 10 से 19 साल के व्यक्तियों में केवल 1 प्रतिशत ही संक्रमण से प्रभावित निकले। 10 से कम उम्र के बच्चों में यह इंफेक्शन 1 प्रतिशत से भी कम दिखा और कोई भी मौत रिपोर्ट नहीं की गई।
 
6. बढ़ते तापमान से हो जाएगा वायरस का खात्मा?
सच- अभी तक इस बात के कोई सबूत सामने नहीं आए हैं कि बढ़ते तापमान से वायरस खत्म हो जाता है। हालांकि बढ़ती गर्मी से वायरस का एक-दूसरे में फैलने का खतरा जरूर कम हो जाता है, क्योंकि सारे वायरस गर्मी को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं।
7. गर्म पानी से नहाने से संक्रमण का खतरा कम
सच- यह तथ्य झूठ है। सिर्फ गर्म पानी से नहाने से आप कोरोना वायरस से बच सकते हैं, यह सच नहीं है। बार-बार साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोने और हैंड सैनेटाइजर के प्रयोग से ही आप इससे बच सकते हैं।
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8. इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं से हो सकता है कोरोना से बचाव
सच- दवा चाहे एलोपैथिक हो, होम्योपैथिक या फिर आयुर्वेदिक- ये आपकी इम्युनिटी को बढ़ा सकती हैं, लेकिन ये दवाएं कोरोना से बचाव कर सकती हैं, ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
 
9. नाक में ब्लीच लगाने होगा कोरोना से बचाव?
सच- ब्लीच या क्लोरीन जैसे कीटाणुनाशक सॉल्वेंट्स जिसमें 75 प्रतिशत इथेनॉल, पैरासिटिक एसिड और क्लोरोफॉर्म होता है, असल में कोरोना वायरस को सतह पर खत्म कर सकते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि ऐसे कीटनाशकों को त्वचा पर लगाने से कोई फायदा नहीं होता बल्कि शरीर के लिए ऐसे रसायन हानिकारक हो सकते हैं।

10. हर किसी को N95 मास्क पहनना जरूरी
सच- ऐसे हेल्थ केयर वर्कर, जो कोरोना संक्रमितों के साथ काम करते हैं, उन्हें ही N95 मास्क पहनना आवश्यक है। आम लोग, जिनमें कोई लक्षण नहीं है, उन्हें किसी मास्क की आवश्यकता नहीं है। हालांकि आप अगर सामान्य मास्क भी पहनते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

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