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Commonwealth Games में 44 साल बाद लंबी कूद में पदक दिलाने वाले श्रीशंकर हमेशा रह जाते थे सफलता से दूर

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हमें फॉलो करें Murali Srishankar
, शुक्रवार, 5 अगस्त 2022 (17:56 IST)
बर्मिंघम: राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा में मामूली अंतर से स्वर्ण पदक से चूक कर रजत पदक से संतोष करने वाले भारतीय एथलीट मुरली श्रीशंकर ने कहा कि यह अधिक से अधिक सफलता हासिल करने की उनकी भूख की शुरुआत मात्र है।

लंबे कद के इस एथलीट के लिए पदक जीतना आसान नहीं रहा क्योंकि तीसरे प्रयास में बाद 7.84 मीटर कूद लगाकर छठे स्थान पर खिसक गए थे। इसके बाद उन्होंने अच्छी वापसी की और चौथे प्रयास में 8.08 मीटर कूद लगाई जिससे वह ऐतिहासिक रजत पदक हासिल करने में सफल रहे।

श्रीशंकर ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं वैश्विक प्रतियोगिताओं में लंबे समय से पदक का इंतजार कर रहा था। मैं विश्व इनडोर और विश्व आउटडोर प्रतियोगिताओं में सातवें, विश्व जूनियर में छठे, एशियाई इंडोर में चौथे और एशियाई खेलों में छठे स्थान पर रहा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर बार मैं पदक से वंचित रह जाता इसलिए यहां रजत पदक जीतकर मैं वास्तव में बहुत खुश हूं। मैं विश्व स्तर की प्रतियोगिता में पदक के लिए वास्तव में लंबे समय से इंतजार कर रहा था। यह पेरिस ओलंपिक 2024 के बड़े लक्ष्य के लिए मेरा छोटा सा कदम है। मेरी निगाहें अब पेरिस ओलंपिक पर टिकी हैं।’’
Murali Srishankar

श्रीशंकर ने कहा, ‘‘हर एथलीट इस दौर से गुज़रा है। (वर्तमान ओलंपिक चैंपियन) मिल्टियाडिस टेंटोग्लू ने यूनान में मुझसे कहा कि वह भी कई बार छठे और सातवें स्थान पर आए हैं और फिर उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। यह कदम दर कदम आगे बढ़ने की प्रक्रिया है।’’

श्रीशंकर ने राष्ट्रमंडल खेलों की लंबी कूद में 44 साल बाद भारत को पदक दिलाया। उनसे पहले 1978 में सुरेश बाबू ने कांस्य पदक जीता था।
Murali Srishankar

वह बाबू, अंजू बॉबी जॉर्ज (2002 में मैनचेस्टर खेलों में कांस्य), और एमए प्रजुषा (2010 में नयी दिल्ली खेलों में रजत) के बाद इन खेलों में लंबी कूद में पदक जीतने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी हैं।(भाषा)

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