बर्मिंघम: टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन की कोच संध्या गुरुंग को राष्ट्रमंडल खेलों के खेल गांव में प्रवेश मिल गया है।
लवलीना ने राष्ट्रमंडल खेलों से तीन दिन पहले मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी कोच को खेल गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। लवलीना ने सोमवार को ट्विटर पर एक पोस्ट साझा करके कहा था , “आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत उत्पीड़न हो रहा है।
हर बार मेरे कोच, जिन्होंने मुझे ओलंपिक में पदक लाने में मदद की, उन्हें हटाकर मेरी ट्रेनिंग में बाधा डाली जा रही है।” उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी कोच संध्या गुरुंग को खेल गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही थी, जबकि उनके दूसरे कोच को वापस भारत भेज दिया गया था।
उन्होंने लिखा, “अभी मेरी कोच संध्या गुरुंग जी राष्ट्रमंडल खेल गांव के बाहर खड़ी हैं और उन्हें प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है, और मेरी ट्रेनिंग खेलों के आठ दिन पहले रुक गयी है। मेरे दूसरे कोच को भारत वापस भेज दिया गया है। मेरे बहुत विनती करने के बाद भी ऐसा हुआ है और इससे मेरा मानसिक उत्पीड़न हुआ है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं खेलों पर कैसे ध्यान केंद्रित करूं।”
लवलीना की इस शिकायत के बाद खेल मंत्रालय ने तुरंत हरकत में आते हुए भारतीय ओलंपिक संघ को आदेश दिया था कि वह लवलीना की कोच के प्रमाणन का इंतज़ाम करे। इसके बाद भारतीय मुक्केबाजी संघ ने बयान जारी कर कहा कि यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि संध्या गुरुंग बर्मिंघम में टीम का हिस्सा बन सके और इसके लिए वह भारतीय ओलम्पिक संघ के साथ काम कर रहा है।
इन सबका नतीजा यह हुआ कि संध्या गुरुंग को उनका मान्यता पत्र मिल गया। इसके साथ ही उनके बर्मिंघम में खेल गांव में प्रवेश और कमरा भी मिल गया।(वार्ता)