Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कॉफी गुरू

हमें फॉलो करें कॉफी गुरू
क्या कॉफी से अम्लपित्त होता है ?

अम्लपित्त या अपचन, बहुत ही आम और कष्टप्रद स्थिति है जिसका कारण गरिष्ठ व मसालेदार भोजन से लेकर अनुचित तनाव तक कोई भी हो सकता है। अम्लपित्त की शिकायत वाले मरीजों पर किए गए अध्ययन से पता चला कि कॉफी की अम्लता और कॉफी के कड़ापन दोनों को ही अम्लपित्त से कारणबद्घ नहीं किया जा सकता है।

कुछ लोग कॉफी पीने के बाद हृदय में जलन की शिकायत अवश्य करते हैं, परंतु यह परेशानी उन्हें कॉफी से नहीं बल्कि पहले खाए गए भोजन के कारण होती है। इस बात का कोई ठोस कारण नहीं है कि कॉफी पीना पेट के लिए हानिकारक है और इससे गैस या अल्सर की परेशानी होती है।

क्या आप को कॉफी की लत लग सकती है ?

नहीं। रोज कॉफी पीने को आदत कहा जा सकता है और कॉफी उत्तेजक पदार्थ के रूप में जानी जाती है और हमें स्फूर्ति प्रदान करती है परंतु इसे कॉफी का आदी होना नहीं कहा जा सकता । विश्र्व स्वास्थ्य संगठन जैसी नियामक एजेन्सियों ने यह बात कही है कि "ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है जिसकी बिना पर यह साबित होता है कि कैफीन के इस्तेमाल की तुलना उन मादक द्रव्यों से की जा सकती है जिनसे होने वाली सामाजिक एवं शारीरिक दुष्परिणाम जग ज़ाहिर हैं ।"

कॉफी का सेवन मनुष्य को इसका आदी नहीं बनाता - इस दावे को समर्थन देने वाले साक्ष्य की पुष्टि हाल ही के अध्ययन में हुई जिसने यह दिखाया कि जैसे एम्फेटामाईन एवं कोकीन दिमाग के उन बिन्दुओं पर असर करते है जो पुरस्कार प्रेरणा और व्यसन (लत) के लिए जिम्मेदार होते है वैसा कॉफी का प्रभाव नहीं है । इसी प्रकार कुछ कॉफी पीने वालों द्वारा अनुभव किए जाने वाले सरदर्द और आलस्य जैसे हल्के निवर्तन लक्षणों का प्रतिदिन सेवन की गई कॉफी की मात्रा से कोई सम्बन्ध नहीं होता ।

क्या कॉफी डीहाइड्रेशन का कारण होती है ?

कॉफी के अंदर पाए जाने वाला कैफीन मंद मूत्रवर्धक होता है अर्थात इसके कारण मूत्र में वृद्घि होती है । परंतु नियंत्रित मात्रा में कॉफी लेने का प्रभाव सादे पानी पीने के प्रभाव से ज्यादा नहीं है। बहुत से लोग, खिलाडी और वे लोग जो लंबी यात्रा पर फ्लाइट से जाते है उन्हें सलाह दी जाती है कि कैफीन युक्त द्रव्यों का सेवन न करें।

यह माना जाता है कि इसे पीने से डीहाइड्रेशन बढ़ेगा या इसका असर खिलाडी के कार्य निष्पादन और स्वास्थ्य पर पडेगा पर इस तरह की सोच की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई। वैज्ञानिक परिणाम इस बात की पुष्टि करते हैं कि एथलेटिक्स और शौेकिया तौर से खेल में रूचि रखने वालों के लिए, सीमित मात्रा में कैफीन वाला पेय और अच्छा आहार, किसी भी तरह से उनके शरीर के तरल लवण सामंजस्य के लिए हानिकारक नहीं है।

सरकार द्वारा लम्बी यात्रा करने वालों को यह सुझाव दिया जाता है कि वे लगातार तरल पदार्थ पीएँ जिससे गहरी शिराओं के थ्रोम्बोसिस का खतरा कम हो । उनके लिए अनुसंशित कम से कम 1.5 से 2 लीटर के देैनिक पेय में कॉफी का काफी योगदान हो सकता है ।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi