अहमदाबाद। गुजरात में 2002 के भीषण राज्यव्यापी दंगों के दौरान यहां नरोदा डा पाटिया इलाके में हुए नरसंहार जिसमें भीड ने 87 लोगों को मार डाला था, से जुडे 11 अल्पसंख्यकों की हत्या के नरोदा गाम प्रकरण में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री श्रीमती माया कोडनानी की याचिका पर यहां एक विशेष अदालत की ओर से गत 12 सितंबर को जारी समन के मद्देनजर सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इसके समक्ष बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर पेश हुए और श्रीमती कोडनानी के पक्ष में गवाही देते हुए कहा कि घटना के दिन उन्होंने उन्हें विधानसभा और अस्पताल में देखा था।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने विधानसभा और अस्पताल के बीच की अवधि में तथा अस्पताल के बाद नरोदा की तत्कालीन भाजपा विधायक श्रीमती कोडनानी को नहीं देखा। इससे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल यानी एसआईटी के आरोप पत्र में श्रीमती कोडनानी की इस घटना में संलिप्तता के आरोप को पूरी तरह नकारना संभव नहीं है।
शाह ने कडी सुरक्षा के बीच यहां एसआईटी की विशेष अदालत के जज पीबी देसाई की अदालत में अपनी पेशी और आधे घंटे से अधिक समय की उपस्थिति के दौरान गवाही में कहा कि पेशे से महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कोडनानी जो उस समय उन्हीं की तरह विधायक थीं, घटना के दिन यानी 28 फरवरी को विधानसभा में उपस्थित थीं।