Merry Christmas : ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के अनुयायियों की संख्या सबसे अधिक मानी जाती है। इसके बाद हजरत मोहम्मद और फिर भगावान बुद्ध के अनुयायियों की संख्या सबसे ज्यादा है। हिन्दू धर्म तो दुनिया का तीसरे नंबर का धर्म माना जाता है। आओ जानते हैं ईसा मसीह के बारे में 25 ऐसी जानकारी जिसमें से संभवत: आप कम ही जानते होंगे।
1. ईसा मसीह का जन्म 4 ईसा पूर्व हुआ या 6 ईसा पूर्व इसको लेकर भी मतभेद है। हालांकि अधिकतर जगह मान्य है कि 6 ईसा पूर्व उनका जन्म हुआ था।
2. ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था या बसंत की किसी तारीख को, इसको लेकर भी मतभेद है। रशिया सहित 18 देशों में 7 जनवरी को क्रिसमस मनाया जाता है।
3. ईसा मसीह 13 वर्ष की उम्र से लेकर 29 वर्ष की उम्र तक कहां रहे और क्या करते रहे, इसके बारे में कोई नहीं जानता। इसको लेकर भी मतभेद हैं। बाइबिल में इसका जिक्र नहीं मिलता है।
4. ईसा मसीह की मातृ भाषा हिब्रू थी या अरामीक इसको लेकर भी मतभेद हैं। वे ग्रीक और लेटिन जानते थे या नहीं? विद्वानों का मानना था कि उनकी भाषा अरामीक थी और वे हिब्रू भी बोलते थे।
5. ईसा मसीह के माता-पिता बेथलहम क्यों गए थे? क्या वे नाजरथ के थे? इसको लेकर भी विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ का मानना है कि वे येरुशलम में अपना नाम दर्ज कराने जा रहे थे, क्योंकि रोमान उपनिवेश में सभी नागरिकों के नाम दर्जकर नागरिकता दी जा रही थी।
6. मदर मैरी या मरियम कुवांरी थी या नहीं इसको लेकर भी मतभेद हैं। मरियम योसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं। कहते हैं कि कुवांरी अवस्था में ही वह परमेश्वर के प्रभाव से गर्भवती हो गई थीं और उन्होंने ईश्वर के पुत्र को जन्म दिया।
7. ईसा मसीह का जन्म एक गोशाला में हुआ था, अस्तबल में हुआ था या किसी गुफा में? इसको लेकर भी मतभेद हैं। अधिकतर विद्वान मानते हैं कि अस्तबल में हुआ था, लेकिन वहां भेड़े भी बांधी जाती थी।
8. ईसा मसीह एक मसीहा थे या कि राज्य के विद्रोही? इस बात को लेकर भी मतभेद हैं।
9. कहते हैं कि उन पर नबूवत का दावा करने, टेम्पल ऑफ माऊंट में जाकर रोमन गवर्नर पिलातुस के टैक्स कलेक्टरों और मनी चेंजरर्स के साथ बुरा व्यवहार करने और वहां तोड़फोड़ मचाने का आरोप था।
10. शुक्रवार के दिन यहूदियों के दबाव के चलते पिलातुस ने यीशु को सूली पर लटकाने का आदेश दिया।
11. कुछ विद्वानों का मानना है कि उन्हें सूली नहीं दी गई थी। कुछ का मानना है कि उन्हें सुली पर लटकाया गया था लेकिन रात में उन्हें बचा लिया था या वे सूली से बच गए थे।
12. कई विद्वानों का मानना है कि येसु मसीह सूली से बच गए थे और फिर वे यहूदी राज्य छोड़कर हमेशा के लिए कहीं चले गए थे।
13. जाने से पहले रविवार के दिन सिर्फ एक स्त्री (मेरी मेग्दलीन) ने उन्हें उस गुफा के पास जीवित देखा जिसके अंदर उनका शव रखा गया था।
14. मेरी मेग्दलीन कौन थी? उनकी शिष्या थी, प्रेमिका थी या पत्नी? इस बात को लेकर भी विद्वानों में मतभेद हैं।
15. लोस्ट गौस्पेल का हवाला देकर यह भी कहा जाता है कि मेरी मेग्दलीन से ईसा मसीह के दो पुत्र भी हुए थे।
16. सूली देने की घटना के बाद यीशु फिर कभी यहूदी राज्य में नजर नहीं आए, परंतु कई शोधकर्ताकों का मानना है कि वे भारत आ गए थे।
17. कहते हैं कि भारत में लगभग 100 वर्ष की उम्र तक जीवित रहने के बाद उनका देहांत हो गया था।
18. अहमदिया संप्रदाय मिर्जा गुलाम अहमद का भी यही मानना था कि ईसा मसीह ने अपने जीवन का शेष भाग भारत के कश्मीर में ही गुजारा था।
19. कश्मीर के श्रीनगर के रौजाबल में उनकी कब्र होने का दावा किया जाता है। कई लोग यह समझकर ही वहां आते हैं कि यह ईसा मसीह की कब्र है क्योंकि यह उसी तरह की कब्र है जिस तरह की यहूदी कब्र होती है।
20. कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि भारत के कश्मीर में जिस बौद्ध मठ में उन्होंने 13 से 29 वर्ष की उम्र में शिक्षा ग्रहण की थी उसी मठ में पुन: लौटकर ईसा ने अपना संपूर्ण जीवन वहीं बिताया। लोगों का यह भी मानना है कि सन् 80 ई. में हुए प्रसिद्ध बौद्ध सम्मेलन में ईसा मसीह ने भाग लिया था। वे बौद्ध धर्म के फॉलोअर थे।
21. एक रूसी अन्वेषक निकोलस नोतोविच ने भारत में कुछ वर्ष रहकर प्राचीन हेमिस बौद्ध आश्रम में रखी पुस्तक 'द लाइफ ऑफ संत ईसा' पर आधारित फ्रेंच भाषा में 'द अननोन लाइफ ऑफ जीजस क्राइस्ट' नामक पुस्तक लिखी है। इसमें ईसा मसीह के भारत भ्रमण के बारे में बहुत कुछ लिखा हुआ है।
22. अक्सर चित्रों में ईसा मसीह को एक सुंदर गोरा व्यक्ति बताया जाता है लेकिन ईसा मसीह काले थे या गोरे? इसको लेकर भी मतभेद है।
23. फॉरेंसिक साइंटिस्ट रिचर्ड नैवे के अनुसार जीसस को एक मिडल ईस्ट के ट्रेडिशनल यहूदी की तरह दिखाया है। उनका फेस उत्तरी इसराइल के गेलिली शहर के लोगों से मिलता है। उनका चेहरा बड़ा, काली आंखें, छोटे घुंघराले काले बाल और एक जंगली दाढ़ी के साथ चेहरे का रंग गहरा गेहूंआ था।
24. ईसा मसीह के 12 शिष्य थे। पीटर, एंड्रयू, जेम्स (जबेदी का बेटा), जॉन, फिलिप, बर्थोलोमियू, मैथ्यू, थॉमस, जेम्स (अल्फाइयूज का बेटा), संत जुदास, साइमन द जिलोट और मत्तिय्याह।
25. ईसा मसीह के शिष्य थॉमस ने ही भारत के केरल में लोगों को धर्मांतरितकर उन्हें ईसाई बनाया था।