Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(नवमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-गुरु तेग बहादुर दि., वक्री बुध
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

ईस्टर संडे : प्रभु ईसा ने दिया था क्षमा का संदेश...

हमें फॉलो करें Easter-Sunday-2
* प्यार और सत्य बांटने के लिए दुनिया में आए थे ईसा मसीह 
 
पौराणिक ईसाई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मृत्यु के तीन दिनों बाद प्रभु यीशु पुनर्जीवित हो गए थे। ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनिया भर के ईसाई समुदाय इस दिन 'ईस्टर संडे' मनाते हैं। यह ईसाई समुदाय का धार्मिक पर्व है। इसे ईस्टर दिवस, ईस्टर रविवार या संडे के नाम से भी जाना जाता है। 
 
आज से दो हजार साल पहले यरुशलम के एक पहाड़ पर बिना किसी कारण के ईसा मसीह को क्रूस (सूली) पर चढ़ाया गया था। मगर ईसा मसीह तीसरे दिन अपनी कब्र में से जी उठे। आज भी उनकी कब्र खुली है। ईसा मसीह ने जी उठने के बाद अपने चेलों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए। 
 
ईसा मसीह प्यार और सत्य बांटने के लिए दुनिया में आए थे। उन्होंने कहा- 'परमपिता परमेश्वर की नजर में हम सब एक हैं, वो अपने लोगों के लिए एक राजा बनकर आए थे। जिस क्रूस पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया, उस पर उस समय की यूनानी भाषा में लिखा था- नासरत का ईशु यहूदियों का राजा है। लेकिन वे लोग अनजाने में मसीह को क्रूस पर चढ़ा रहे थे।'  
उस समय भी ईशु ने यही कहा- 'हे पिता परमेश्वर, इन लोगों को माफ करना, क्योंकि यह नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।'
 
ईस्टर संडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकट्ठा होकर जीवित प्रभु की आराधना (उपासना) स्तुति करते हैं और ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में प्रभु भोज में भाग लेते हैं। एक-दूसरे को प्रभु ईशु के नाम पर शुभकामनाएं देकर भाईचारे और स्नेह का प्रतीक मानकर इस दिन को मनाते है। 
 
 यह पर्व क्रिसमस की तरह धूमधाम और बाहरी तड़क-भड़क के साथ नहीं मनाया जाता, फिर भी यह ईसाई-पर्वों में महत्तम है। प्रभु ईसा मसीह ने हमें दूसरों को क्षमा करने का संदेश दिया। हम विश्वास करते हैं कि समस्त मानव जाति के पापों का उद्धार करने के लिए उन्होंने क्रूस पर अपनी जान दी। मसीह पर विश्वास करने वालों को पापों से छुटकारा मिलता है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ईसाइयों का सबसे बड़ा पर्व है ईस्टर, जानिए इसका महत्व...