Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

बच्चे, धरा पर बिखरे नाजुक सितारे

खेलने, खिलने और खिलखिलाने दीजिए

हमें फॉलो करें बच्चे, धरा पर बिखरे नाजुक सितारे

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

FILE
चाचा नेहरू को दो बातें बहुत पसंद थी पहली वे अपनी शेरवानी की जेब में रोज गुलाब का फूल रखते थे और दूसरी वे बच्चों के प्रति बहुत ही मानवीय और प्रेमपूर्ण थे। यह दोनों ही बातें उनमें कोमल हृदय है इस बात की सूचना देते हैं। बच्चों को वैसे ही लोग प्रिय है, जो गुलाब या कमल के समान हो। काँटेदार लोग, माता-पिता और शिक्षक के पास बच्चे कब तक रह सकते हैं?

बच्चों की भावना समझने वाले बहुत कम ही माता-पिता या शिक्षक रह गए हैं। उनसे प्रेम करने के बजाए उन पर शिक्षाएँ और उपदेश थोपे जाते रहे हैं। यही कारण रहता है कि ज्यादातर बच्चों का बचपन उनसे छीन लिया जाता है। बहुत बड़े होने का बाद ही उनका विजन स्पष्ट हो पाता है कि आखिर मुझे जिंदगी में करना क्या चाहिए था।

webdunia
ND
बच्चों के प्रति बहुत ही मानवीय और प्रेमपूर्ण रहना आवश्यक है अन्यथा हम बच्चों का ही नहीं समाज, देश और दुनिया का जाने-अनजाने भविष्य बिगाड़ रहे होंगे, और ऐसा होता ही रहा है।

बचपन जिज्ञासा और कौतुहल से भरा होता है। वे दुनिया में नए-नए हैं तो उन्हें प्रत्येक चीज को जानने की उत्सुकता होती है, लेकिन उनकी उत्सुकता या जिज्ञासा को नजरअंदाज कर दिया जाता हैं, क्योंकि उसकी फालतू बातों के लिए आपके पास समय नहीं हैं या फिर आप तो वे चीजें जान ही चुके हो, जिसके बारे में वह पूछ रहा है।

पति का गुस्सा पत्नी बच्चों पर ही निकाल देती है और पत्नी का गुस्सा पति भी बच्चों पर निकाल देता है। बच्चा समझ नहीं पाता है कि आखिर हर बात पर मुझे डाँटा क्यों जा रहा है। यही कारण रहता है कि बच्चा धीरे-धीरे कुंठित होता जाता है। अंतत: वह माता-पिता के प्रति कभी भी प्रेम‍पूर्ण नहीं रहता। पूरी दुनिया के तारे जमीन पर आँसू बहा रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi