Chhattisgarh Assembly Elections 2023 : छत्तीसगढ़ में दूसरे और अंतिम चरण के लिए प्रचार का शोर थम गया है। आखिरी दिन भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। प्रचार के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार किया।
भाजपा की तरफ से अमित शाह (Amit Shah) और कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रैलियों को संबोधित किया। जांजगीर-चांपा और बेमतरा में चुनावी रैली में रैलियों को संबोधित किया। दूसरे चरण में 70 सीटों पर मतदान होना है। आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया।
राहुल और अमित शाह की रैली : राहुल गांधी ने बेमतरा में जनसभा में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने यहां की जनसभा में छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए बड़ा वादा करते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस सरकार में हर साल 15000 रुपए दिए जाएंगे। जांजगीर-चांपा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा की और सत्तारूढ़ कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि यह सरकार को एटीएम की तरह इस्तेमाल करती है।
पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान : पहले चरण में 7 नवंबर को 20 सीटों पर मतदान कराया गया जिनमें से 12 बस्तर संभाग की सीटें थीं जो कि नक्सलवाद प्रभावित हैं। इनमें से कुछ पर सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की भी खबरें आईं। राज्य में मतगणना 3 दिसंबर को कराई जाएगी।
घर-घर जाकर जनसंपर्क : अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के लिए आज शाम पांच बजे प्रचार समाप्त हो गया। इस दौरान प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे।
मोदी ने की थी 4 बड़ी रैलियां : राज्य में इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और दूसरे चरण से पहले उन्होंने चार बड़ी रैलियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार, विशेष रूप से कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले, लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले और नक्सलवाद को लेकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया।
इन मुद्दों पर मचा घमासान : भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तथा स्मृति ईरानी ने भी बड़े पैमाने पर प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने सट्टेबाजी ऐप घोटाले, धर्मांतरण और तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर मुख्यमंत्री बघेल पर हमला बोला और सत्ताधारी दल कांग्रेस पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने इन नेताओं ने संभाली कमान : कांग्रेस की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री बघेल ने सत्ताधारी दल के लिए अभियान का नेतृत्व किया और जवाबी हमला करते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी गरीबों के हित के बारे में सोचती है जबकि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र केवल अमीरों के कल्याण के लिए काम करता है।
कांग्रेस ने अपने अभियान को किसानों, महिलाओं, आदिवासियों और दलितों के लिए बघेल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की तारीफ की और तथाकथित "उद्योगपति मित्रों" को संसाधन "सौंपने" के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र पर भी हमला बोला।
कांग्रेस ने कर्ज माफी के वादे के साथ किसानों को लुभाने की कोशिश की। यह वादा पार्टी ने 2018 के चुनाव में भी किया था। पार्टी ने सरकार बनने के साथ ही जाति जनगणना का वादा किया है। पार्टी लगातार ओबीसी समुदाय को साधने की कोशिश करती रही।
मुख्यमंत्री बघेल ने रविवार को घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता बरकरार रखती है, तो राज्य में महिलाओं को 15 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
ये रहे वादे : इस घोषणा को विपक्षी भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में विवाहित महिलाओं को प्रति वर्ष 12 हजार रुपये देने के वादे के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 22 जिलों की 70 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार को होगा।
इन सीटों पर मतदान : अधिकारियों ने बताया कि राजिम जिले के नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ विधानसभा सीट के नौ मतदान केंद्रों को छोड़कर सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक है। नक्सल प्रभावित नौ मतदान केंद्रों में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा।
उन्होंने बताया कि बिंद्रानवागढ़ सीट के जिन मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोटिंग होगी वे कामरभौदी, आमामोरा, ओढ, बड़े गोबरा, गंवरगांव, गरीबा, नागेश, सहबीनकछार और कोदोमाली हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इन मतदान केंद्र क्षेत्रों में चुनाव प्रचार दोपहर बाद तीन बजे और अन्य स्थानों पर शाम पांच बजे समाप्त हो गया।
कितने उम्मीदवार मैदान में : उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के 70 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 958 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं जिनमें 827 पुरुष, 130 महिला और एक उम्मीदवार तृतीय लिंग का है।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के दौरान राज्य के एक करोड़ 63 लाख 14 हजार 479 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 81 लाख 41 हजार 624 पुरुष मतदाता, 81 लाख 72 हजार 171 महिला मतदाता तथा 684 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में कुल 18 हजार 833 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 700 संगवारी मतदान केंद्र हैं जहां सिर्फ महिला मतदानकर्मी ही पदस्थ रहेंगी।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में सबसे ज्यादा 26 उम्मीदवार रायपुर शहर पश्चिम में हैं जबकि सबसे कम चार उम्मीदवार डौंडीलोहारा सीट पर हैं।
इन दिग्गजों की सीटें : दूसरे चरण कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन सीट), राज्य विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (सक्ती), उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (अंबिकापुर), गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण) और रवींद्र चौबे (साजा) सहित राज्य के आठ मंत्रियों के भाग्य का फैसला होगा।
मुख्यमंत्री बघेल अपनी पारंपरिक पाटन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां भाजपा ने उनके दूर के भतीजे और पार्टी के सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के पाटन से मैदान में उतरने से मुकाबले में एक और आयाम जुड़ गया है।
भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव (लोरमी), नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत-एसटी), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव-एसटी), वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद) और पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली) दूसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवार हैं।
अंबिकापुर में टीएस सिंह देव के खिलाफ भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
क्या पिछले चुनाव का नतीजा : पिछले विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने इन 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से 51 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को चार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटों पर जीत मिली थी। बाद में कांग्रेस ने उपचुनाव में एक और सीट जीत ली थी।
राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 12 सीटों समेत 20 सीटों पर सात नवंबर को मतदान हुआ था। पहले चरण में 78 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
प्रदेश में 2018 के चुनाव में कांग्रेस को राज्य में 68 सीटें मिली थी तथा भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी। इस चुनाव जेसीसी (जे) को पांच और बसपा को दो सीटें मिली थी। कांग्रेस की मौजूदा ताकत 71 है। इनपुट भाषा