Chhath Puja 2021 : छठ पूजा के तीसरे दिन अर्थात खरना के बाद षष्ठी तिथि की संध्या के सूर्य को अर्घ्य दिये जाने के महत्व है। इसके बाद सप्तमी के उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण किया जाता है। 10 तारीख को सांध्या का अर्घ्य दिया जाएगा और इसके बाद 11 नवंबर 2021 को सुबह के सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। आओ जानते हैं दोनों ही दिनों के सूर्य के अस्त और उदय के समय को।
छठ पूजा: संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य समय ( Chhath Puja Sandhya And Usha Arghya 2021 ) :
(1). 10 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : शाम 05:30.
(2). 11 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : प्रात: 06:41.
नोट : स्थानीय समय के अनुसार सूर्य के अस्त और उदय होने के समय में घट-बढ़ रहती है।
इस तरह दें सूर्य को अर्घ्य : अर्घ्य देने के लिए बांस की 3 बड़ी टोकरी या पीतल का सूप लें, जिसमें चावल, लाल सिंदूर, गन्ना, हल्दी, सुथनी, सब्जी, शकरकंदी, नाशपाती, शहद, पान, बड़ा नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई, चंदन, ठेकुआ, मालपुआ, खीर, सूजी का हलवा, पूरी, चावल से बने लड्डू आदि सभी सजा लें। साथ में थाली, दूध और गिलास ले लें। सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद टोकरी में रखें और एक दीपक भी जला लें। इसके बाद नदी में उतरकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें।
ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥
इसी दौरान सूर्य को जल एवं दूध चढ़ाकर प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा भी की जाती है। शाम को बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और कुछ फल रखें जाते हैं और पूजा का सूप सजाया जाता है और तब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।