Chhath puja 2022 Day 1 Nahaye Khaye : छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा का प्रचलन और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। छठ पूजा व व्रत का प्रारंभ हिन्दू माह कार्तिक माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होता है और षष्ठी तिथि को कठिन व्रत रखा जाता है तथा दूसरे दिन सप्तमी को इसका पारण होता है। आओ जानते हैं छठ पूजा के पहले दिन यानी चतुर्थी के दिन के क्या है नियम।
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय कहते हैं, दूसरे दिन को खरना, तीसरे दिन को सांध्य अर्घ्य और चौथे दिन को उषा अर्घ्य कहते हैं। आओ जानते हैं पहले दिन क्या करते हैं।
छठ पूजा नहाय खाय के दिन क्या होता है क्या है के नियम | Chhath Puja Nahaye Khaye Niyam:
- पहले दिन नहाय खाय अर्थात घर, पूजाघर आदि की साफ-सफाई आदि करने के बाद अच्छे से स्नान करते हैं। इस दिन से घर और शरीर को भीतर और बाहर से शुद्ध किया जाता है। इस दिन स्नान करके नए कपड़े धारण करना चाहिए।
- इसके बाद शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाकर उसका सेवन करते हैं। घर में लौकी या कद्दू की सब्जी बनती है। इस दिन भोजन में सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है। सभी में शुद्धता का ध्यान रखा जाता है।
- इस दिन सिर्फ एक समय की अच्छे से भोजन करते हैं। शाम को फलाहार लेते हैं। किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं किया जाता है।
- इस दिन नारंगी सिंदूर लगाने के बाद छठ का प्रासाद बनाना भी प्रारंभ किया जाता है। इसमें प्याज और लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता है।
- छठ मैया और सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है। व्रती के प्रसाद को सभी सदस्य बांटकर खाते हैं।
- इसी दिन से अगले दिन खरना की तैयारी की जाती है।