भारत ने गाड़ दिया चांद पर तिरंगा, रच दिया इतिहास, चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफल

Webdunia
बुधवार, 23 अगस्त 2023 (18:00 IST)
Chandrayaan-3 Update : अंतरिक्ष में भारत ने इतिहास रच दिया। भारत के चंद्रयान-3 ने सफल लैंडिंग की। भारत साउथ पोल इलाके में पहुंचने वाला पहला देश बन गया। भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं।

- दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

- लैंडर विक्रम वर्टिकल खड़ा हुआ। कुछ ही देर में लैंडिंग

अब तक सब कुछ प्रक्रिया के तहत चल रहा है। लैंडिंग की 50 फीसदी यात्रा पूरी हो गई है। बस कुछ पलों में भारत इतिहास रचने जा रहा है।

` लैंडर ने 20 प्रतिशत यात्रा पूरी की।  
- चंद्रयान- 3 का पावर डिसेंट हुआ शुरू, शुरू हुई 11 मिनट की प्रक्रिया
- चंद्रयान-3 लैंडिंग का 45 मिनट का काउनडाउन हुआ शुरू, ISRO ने कहा- all is well
 
- इसरो के अनुसार शाम 5. 44 बजे जैसे ही चंद्रयान-3 का लैंडर सही पोजिशन पर आएगा, टीम ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस (ALS) लॉन्च कर देगी। लैंडर के चांद पर उतरते ही रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर इससे चांद की सतह पर आएगा। 
 
इसरो के अनुसार विक्रम लैंडर और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे। अगर भारत इस मिशन में सफल रहा तो चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश होगा। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश हो जाएगा।

-इसरो ने जारी की कमांड सेंटर की तस्वीर। यहां से हो रही है मिशन चंद्रयान की मॉनिटरिंग।
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Chandrayaan-3 Mission:
All set to initiate the Automatic Landing Sequence (ALS).
Awaiting the arrival of Lander Module (LM) at the designated point, around 17:44 Hrs. IST.

Upon receiving the ALS command, the LM activates the throttleable engines for powered descent.
The… pic.twitter.com/x59DskcKUV

— ISRO (@isro) August 23, 2023 >-RSS ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं, कहा-यह उपलब्धि भारत के लिए महत्वपूर्ण होगी।
-कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, हमें गर्व है कि इसरो के वैज्ञानिक चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं। हम ईश्वर से उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं लेकिन अखबारों में खबरें हैं कि ऐसा करने वाले वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। प्रधानमंत्री को इस पर भी ध्यान देना चाहिए।
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#WATCH हमें गर्व है कि इसरो के वैज्ञानिक चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं। हम ईश्वर से उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं लेकिन अखबारों में खबरें हैं कि ऐसा करने वाले वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। प्रधानमंत्री को इस पर भी ध्यान देना… pic.twitter.com/a0n2bACoea

< — ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2023 >-केंद्र सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए विशेष सभाएं आयोजित करने को कहा है।
-अंतर्राष्ट्रीय रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए अमेरिका के डेनवर, कोलोराडो में एक लघु रेत की मूर्ति बनाई।
-चंद्रयान-3 पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पूरा देश को गर्व है। मैं सभी वैज्ञानिकों को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं...पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने बहुत कुछ हासिल किया है।
-चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष 'भस्म आरती' की गई।
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#WATCH मध्य प्रदेश: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष 'भस्म आरती' की गई।

इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 आज लगभग 18:04 बजे IST पर चंद्रमा पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। pic.twitter.com/Y1FNW4KTmV

— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2023 >-इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरने को तैयार है।
-लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
-लैंडिंग के लिए, लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर पावर ब्रेकिंग चरण में प्रवेश करेगा और अपने चार थ्रस्टर इंजन को "रेट्रो फायर" करके गति को धीरे-धीरे कम करके चंद्रमा की सतह तक पहुंचना शुरू करेगा। अधिकरियों के अनुसार इससे यह सुनिश्चित होता है कि लैंडर दुर्घटनाग्रस्त न हो, क्योंकि इसमें चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी काम करता है।
-लगभग 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर, केवल दो इंजन का उपयोग किया जाएगा, अन्य दो को बंद कर दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य लैंडर को ‘रिवर्स थ्रस्ट’ देना होता है, लगभग 150-100 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर लैंडर अपने सेंसर और कैमरों का उपयोग करके सतह को स्कैन करेगा ताकि यह जांचा जा सके कि कोई बाधा तो नहीं है और फिर वह सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए नीचे उतरना शुरू करेगा।
-सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद, रोवर अपने एक साइड पैनल का उपयोग करके लैंडर के अंतर से चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
-ऐसा होने पर भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा।
-चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई है।
-लैंडर की स्थिति के आधार पर वैज्ञानिक लेंगे फैसला।
-विहिप और आर्य समाज चंद्रयान-3 की सफलता के लिए विशाल यज्ञ करेंगे।
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