नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद भारत चंद्रमा पर जाने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता तथा चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की सफलता से भारत जल्द ही चंद्रमा पर यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।
सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 को इस सप्ताह श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत की पहचान ऐसे देश के रूप में की जा रही है जो दशकों पहले अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना परचम लहरा चुके देशों का सहयोगी है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार डॉ. सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन-काल में अंतरिक्ष मामले में बड़ी विशेषज्ञता हासिल करने के बाद, भारत चंद्रमा पर जाने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा अथवा चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के लिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफ़ाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियान्वित किया गया है।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद 6 पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और चंद्रमा पर 14 दिनों तक कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि रोवर पर कई कैमरों के सहयोग से तस्वीरें हासिल की जा सकेगी।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए अनुकूल माहौल और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों का श्रेय प्रधानमंत्री को देते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि आने वाले वर्षों में हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र एक खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।
डॉ. सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन प्राथमिक उद्देश्य है पहला चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग का प्रदर्शन दूसरा चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन और तीसरा इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन।
डॉ. सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को लेकर देश भर में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 , चंद्रयान-3 से उन्नत है और इसमें लैंडर की मजबूती बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा, ये सभी संशोधन टैस्ट बेड्स के माध्यम से विस्तृत जमीनी परीक्षणों और सिमुलेशन के अनुसार हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर मॉड्यूल भी पेलोड के साथ कार्य रूप में हैं, जो वैज्ञानिक समुदाय को चंद्रमा पर मिट्टी और चट्टानों के रासायनिक व मौलिक संरचना सहित विभिन्न गुणों पर डेटा प्रदान करेगा।