chandrayaan 3 big update : चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का प्रज्ञान (Pragyan) चंद्रमा पर लगातार रहस्यों को खोज रहा है। इस बीच बड़ी खबर यह है कि चंद्रमा पर ऑक्सीजन के सबूत मिले हैं। इसी के साथ प्रज्ञान ने चंद्रमा पर खनिजों का खजाना भी खोजा है। इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। रोवर दक्षिणी ध्रुव पर लगातार खोज कर रहा है।
इसरो ने यह भी कि कहा कि उपकरण ने उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया है।
इसरो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं...रोवर पर लगे लेजर संचालित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है।”
बेंगलुरु में स्थित इसरो के मुख्यालय ने कहा कि उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है। हाइड्रोजन की तलाश जारी है
एलआईबीएस उपकरण को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है। इसरो ने कहा कि हाइड्रोजन की मौजूदगी के संबंध में गहन पड़ताल जारी है।
इसरो का महत्वकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था, जिसके साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया था। भारत चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा जबकि इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया।
तापमान की दी थी जानकारी : चंद्र सरफेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापमान को समझने के लिए दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का तापमान मापा था। इसरो ने कहा कि पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा हुआ है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है।
गड्ढे में फंस गया था प्रज्ञान : इसरो ने 28 अगस्त 2023) को बताया था कि प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर चलते समय चार मीटर के एक गड्ढे पर फंस गया था। इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे चेस्ट डिवाइस से चंद्रमा की सतह पर एक ग्राफ भी जारी किया। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma