गुरु ओबामा के पक्ष में
गोचर का दृष्टि लाभ दोनों प्रत्याशियों को
ओबामा की महादशा गुरु की चल रही है और गुरु व तीसरे और छठे स्थान का स्वामी होकर चौथे घर में नीच का हो गया है इससे उसका अशुभ प्रभाव कम हो गया है और यही गुरु राजनीति के घर को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है जोकि विशेष फलदायी है। गुरु की महादशा में इन्हें शुक्र की अंतरदशा चल रही है और लग्नेश शुक्र भाग्य भाव में बैठा है। अत: उच्च फल देगा।
और जब गोचर गुरु बदलेगा तब वह अपने उसी स्थान पर आ जाएगा जहाँ कुंडली में बैठा है। यह स्थिति ओबामा को दोगुना शुभ फल देगी। इधर राहू गोचर में मकर में बैठा है जो गुरु के साथ मिलकर चांडाल योग निर्मित करेगा। यह योग गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करेगा। ग्रहों की यह स्थिति भी राजनीति के घर को पूर्ण दृष्टि से देख रही है और राहु राजनीति का कारक है। इसलिए स्वाभाविक रूप से ओबामा के पद पर आसीन होने के अवसर बढ़ जाते हैं।
लेकिन जब गुरु की महादशा में चल रही शुक्र की अंतरदशा खत्म होगी तब ओबामा के लिए राजकाज में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यह स्थिति वर्ष 2010 में निर्मित होगी। चूँकि ओबामा का मंगल अग्नि राशि में राहु के साथ है अत: उनके पराक्रम और प्रसिद्धि के योग में भी वृद्धि हो रही है।
मैक्केन का भाग्येश बुध है और बुध ही जयेश है और व्यय भाव में भी बैठा है। अत: यह स्थिति भाग्य का व्यय करा रही है। गुरु के गोचर का दृष्टि लाभ दोनों प्रत्याशियों को मिल रहा है। लेकिन गोचर का गुरु धनु में है जबकि मैक्केन की पत्रिका में राहु धनु राशि में है।
इस चांडाल योग से मैक्केन की कुंडली में गुरु की शुभता कम हो रही है। मैक्केन की मूल पत्रिका में मंगल नीच का है और नीच का मंगल पराक्रम की शक्ति को कम कर देता है। मूल पत्रिका में ही लग्नेश शुक्र भी अस्त है और वह भी सूर्य के साथ, यह स्थिति भी सुविधाओं को कम कर देती है।
बुध भी स्थान दृष्टि से मैक्केन के पक्ष में नहीं है। अगर 1 प्रतिशत मैक्केन के जीतने की संभावना भी लेकर चलें तो बुध की महादशा और अंतर्दशा बदलने के बाद उनकी स्थिति काफी मजबूत होगी। लेकिन फिलहाल सितारे ओबामा के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं।