वर्ष 2020 भारत ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा। वर्ष 2020 ने पूरे विश्व को 'कोरोना' नामक महामारी से परिचित करा आमजन की जीवनचर्या को बहुत हद तक परिवर्तित कर दिया।
यह वर्ष शक्ति-संपन्नता से उत्पन्न मानवीय अहंकार को दर्पण दिखाकर जा रहा है, वहीं इस वर्ष ने परमात्मा के सर्वसमर्थ व सर्वोपरि होने की घोषणा भी की। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी साल 2020 बड़ा अहम रहा। 'कोरोना' नामक महामारी से निपटने में देश के प्रमुख पदों पर आसीन राजनीतिक व्यक्तियों के बुद्धि कौशल व कार्यक्षमता को परखने के लिए वर्ष 2020 एक कसौटी की तरह साबित हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'कोरोना' को एक चुनौती की तरह स्वीकार कर उसका डटकर सामना किया एवं वे अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की तुलना स्वयं को अग्रणी पंक्ति में रखने में बहुत हद तक सफल हुए। क्या वर्ष 2021 में भी उनके लिए यह चुनौती बरकरार रहेगी? क्या उनकी लोकप्रियता पिछले वर्षों की तरह ही अक्षुण्ण रहेगी?
आइए, जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में वर्ष 2021 की ज्योतिषीय गणना क्या संकेत दे रही है?
नरेन्द्र मोदी के सितारे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्म पत्रिका वृश्चिक लग्न की है। मोदी की राशि भी वृश्चिक है। नरेन्द्र मोदी की जन्म पत्रिका में लग्नेश मंगल केंद्र में स्वराशिस्थ होकर 'रुचक' नामक पंचमहापुरुष राजयोग बना है। मंगल के स्वराशिस्थ होने के कारण उनमें ओज व शौर्य की अधिकता है। जनता का कारक होकर चतुर्थेश शनि दशम भाव में स्थित है एवं शनि की पूर्ण दृष्टि अपने ही भाव पर होने से नरेन्द्र मोदी को जनता का अपार प्यार प्राप्त हो रहा है।
नरेन्द्र मोदी की कुंडली में चंद्र नीचराशिस्थ होकर मंगल के साथ युतिकारक होने एवं चंद्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चंद्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' बन रहा है। इसके साथ ही 'महालक्ष्मी योग' का भी सृजन हुआ है। चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि उन्हें जनलोकप्रिय नेता बना रही है। मोदी की कुंडली में कर्मक्षेत्र का अधिपति सूर्य लाभ भाव में अपने मित्र बुध के साथ स्थित होकर 'बुधादित्य' नामक राजयोग बना रहा है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
नरेन्द्र मोदी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र शत्रुक्षेत्री होकर शनि के साथ युतिकारक है एवं इस युति पर गुरु की पूर्ण दृष्टि है। गुरु के प्रभाव के कारण मोदी का विवाह तो हुआ किंतु सप्तमेश के शत्रुक्षेत्री होने व शनि के साथ युतिकारक होने से उन्हें दांपत्य सुख प्राप्त नहीं हुआ। पंचमेश गुरु के अपने ही भाव पंचम से द्वादश चतुर्थ में स्थित होने एवं पंचम भाव में राहु के स्थित होने से उन्हें संतान सुख का अभाव रहा।
पीएम के लिए कैसा होगा वर्ष 2021?
वर्ष 2021 में नरेन्द्र मोदी 'नीचभंग' राजयोगकारक ग्रह चंद्र की महादशा के प्रभाव में रहेंगे। यह दशा 30 नवंबर 2021 तक प्रभावशील रहेगी। उसके बाद मोदी पर लग्नेश मंगल की महादशा का आगमन होगा, जो वर्ष 2028 तक प्रभावशील रहेगी।
नरेन्द्र मोदी की कुंडली में मंगल लग्नेश होने के साथ-साथ स्वराशिस्थ भी है, जो ज्योतिष के सुप्रसिद्ध पंचमहापुरुष राजयोगों में से एक 'रुचक' नामक राजयोग का निर्माण कर रहा है। राजयोगकारक दशाओं के चलते आने वाला वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आशातीत सफलतादायक रहेगा। उनकी लोकप्रियता पिछले वर्षों की तरह ही अक्षुण्ण रहेगी। वे सत्ता के केंद्र बने रहेंगे। वर्ष 2021 में भी वे अपने विरोधियों को परास्त करने में पूर्णरूपेण सफल होंगे। निष्कर्षत: वर्ष 2021 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सफलतादायक सिद्ध होगा।
(घोषणा : उपर्युक्त विश्लेषण नरेन्द्र मोदी की उपलब्ध जन्म पत्रिका के आधार पर दिया गया है। हम प्राप्त जन्म पत्रिका की प्रामाणिकता का दावा नहीं करते हैं।)
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
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