मिथुन चक्रवर्ती : हैप्पी बर्थ डे

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ। य ह नक्षत्र मिथुन को चतुर व चंचल बनाता है। सूर्य ने मिथुन को शनै:-शनै: सुख में वृद्धि दी व सुख के साथ दीर्घसूत्री स्वभाव दिया। 


 
मिथुन के जन्म के समय चन्द्र मिथुन राशि पर परिभ्रमण कर रहा था। मिथुन को मिथुन राशि के चन्द्र ने बाल्यपन में आर्थिक सुख तो प्रदान नहीं किया, परंतु युवा अवस्था में चन्द्र ने ही प्रसिद्धि दिलाई। दूसरे शब्दों में  मिथुन को मिथुन के चन्द्र ने प्रसिद्धि दिलाई। 
 
कुंडली में मंगल के चतुर्थ भाव में होने से भारत के साथ-साथ विदेश से भी सम्मान प्राप्त हुआ। कन्या राशि के मंगल ने मिथुन में कार्य करने की कर्मठता प्रदान की। कुंडली में बुध की स्थिति ने मिथुन को संतान व पारिवारिक सुख प्राप्त कराया एवं अन्य भौतिक सुख प्राप्त हुए। 
 
गुरु ने मिथुन को यशस्वी, दार्शनिक ब नाने के साथ देश-विदेश से आय व प्रसिद्धि दिलाई। मिथुन के जन्म के समय गुरु कुंभ राशि में भ्रमण कर रहा था जिससे सर्वसुख प्राप्त हुआ। कुंडली में शुक्र के एकादश भाव में होने से धनागमन निरंतर बना रहेगा। यशस्वी व भाग्यवान होना शुक्र का ही प्रभाव है। शनि ने मिथुन को महत्वाकांक्षी बनाया। केतु, राहु आपको तकलीफ दे सकता है अत: राहु की शांति कराएं। 
 
मिथुन का जन्म मंगल की महादशा में हुआ। 30-4-2004 से बुध की महादशा चल रही है, जो 30-4-2021 तक चलेगी। वर्तमान में बुध की महादशा 5-5-2016 से प्रारंभ हो गई है, जो 21-8-2016 तक रहेगी। 
 
जुलाई-अगस्त 2016 मिथुन के लिए ठीक-ठीक रहेगा। सितंबर 2016 आपके लिए अच्छा रहेगा। अक्टूबर-नवंबर 2016 में प्रसिद्धि में वृद्धि मिलेगी। दिसंबर 2016 में सुख एवं प्रसिद्धि में वृद्धि होगी। 
 
जनवरी 2017 में स्वास्थ्य में तकलीफ रहेगी। फरवरी-मार्च 2017 नए कार्य वाला रहेगा। अप्रैल में पुन: स्वास्थ्य खराब हो सकता है। मई 2017 आपके लिए ठीक-ठीक रहेगा। मिथुन को राहु की शांति कराना चाहिए व लसुनिया पहनना चाहिए।
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