दारा सिंह अपने जमाने के एक कुशल अभिनेता व कुश्ती के प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे हैं। आज भी 'रामायण' के 'हनुमान' के चरित्र को अपने कुशल अभिनय से अमरता प्रदान करने के कारण हनुमान के चित्रों में हमें दारा सिंह की छवि नजर आती है। ऐसे ही बेहतरीन अभिनेता, खिलाड़ी व राजनेता दारा सिंह से हमने मुलाकात की। प्रस्तुत हैं दारा सिंह से साक्षात्कार के कुछ अंश-प्रश्न : खेलों से फिल्मों की ओर रुख करने की आपने कैसे सोची?उत्तर : फिल्मों में काम करने में मेरी कोई रुचि नहीं थी। मैं अपने खेल से बहुत खुश था परंतु एक प्रोड्यूसर ने कहा कि आप फिल्मों में काम करो। उसकी जिद को मानकर मैंने फिल्मों में काम करना प्रारंभ किया। इस दौरान मेरा खेल (कुश्ती) जरूर प्रभावित हुआ परंतु धीरे-धीरे मैंने खेल व अभिनय दोनों के बीच सामंजस्य बैठा लिया। प्रश्न : आपने एक्शन व धार्मिक दोनों प्रकार की फिल्मों में काम किया है? किस प्रकार की फिल्मों में काम करने में आपको ज्यादा मजा आया?उत्तर : देखिए, फिल्में तो फिल्में होती हैं। सभी प्रकार की फिल्में अच्छी होती हैं परंतु दर्शकों ने जिन्हें पसंद किया वो मेरी धार्मिक फिल्में थीं। मुझे भी अधिक आनंद धार्मिक फिल्मों में अभिनय करने में ही आया। प्रश्न : आज भी जब हनुमान का जिक्र आता है तब लोगों के सामने आपकी छवि आ जाती है। 'रामायण' के इस किरदार की इतनी अधिक प्रसिद्धि का कारण क्या है? उत्तर : 'रामायण' बनाने वाले रामानंद सागर बहुत ही धार्मिक व पवित्र आदमी थे। उनका कहना था कि सभी आर्टिस्टों को उनके निर्देशों के अनुसार ही काम करना होगा और रहना पड़ेगा। इस धारावाहिक के हर आर्टिस्ट ने पूरी लगन व मेहनत से इसमें काम किया तथा 'रामायण' के हर चरित्र को अमरता प्रदान की। दर्शकों ने रामायण के जिस चरित्र को पसंद किया, वो प्रसिद्ध होकर दर्शकों का चहेता बन गया। यदि हनुमान के किरदार की प्रसिद्धि बहुत अधिक हुई तो इसे मैं ईश्वर की कृपा ही कहूँगा।
प्रश्न : आपने पहले के दौर की और आज के दौर की दोनों प्रकार की अभिनेत्रियों के साथ काम किया है। आपको इनके साथ काम करने में किस तरह का बदलाव का अनुभव हुआ?
उत्तर : इसमें कोई बदलाव वाली तो बात ही नहीं है। मैंने हाल ही में 'जब वी मेट' फिल्म में करीना कपूर के साथ काम किया। इस तरह मेरे अनुभव तो अभी आगे बढ़ ही रहे हैं। दोनों दौर की अभिनेत्रियों ने अच्छा काम किया परंतु मेरे व्यक्तिगत अनुभवों की बात करें तो मैं दूसरों से बिल्कुल अलग सोचता हूँ। मुझे लगता है कि पहले वाले आर्टिस्टों की तुलना में नए आर्टिस्ट अधिक मेहनत व लगन से काम करके बेहतर काम का प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रश्न : अभी आप फिल्मों में किस प्रकार के रोल कर रहे हैं?
उत्तर : मैंने अब फिल्मों में काम करना बहुत कम कर दिया है। अब यदि मैं कोई रोल कर भी रहा हूँ तो उनमें दादा, नाना के किरदार अधिक हैं।
प्रश्न : कुश्ती के खेल में आप आजकल के खिलाड़ियों में क्या संभावनाएँ देखते हैं?
उत्तर : मैं मानता हूँ कि हमारे देश के खिलाड़ी कुश्ती में विश्व कीर्तिमान रच सकते हैं परंतु धनाभाव तथा उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। कुश्ती में नाम कमाने वाले तथा रुचि रखने वाले अधिकांश खिलाड़ी गरीब परिवारों के बच्चे होते हैं। धनाढ़्य परिवारों के बच्चों की तो इस खेल में रुचि कम ही है। गरीब बच्चों में जोश तो अधिक होता है परंतु पैसों की कमी कहीं न कहीं उनके मार्ग में अवरोध बनकर उनके भीतर के खिलाड़ी को मार देती है।
प्रश्न : कुश्ती को क्या भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जा पाएँगे?
उत्तर : भारतीय खिलाड़ी अपने खेल में पूरी तरह से सक्षम हैं। कुश्ती में खिलाड़ी को अच्छी खुराक व कुशल मार्गदर्शन मिले तो वे हर बाजी को जीत सकते हैं।
प्रश्न : क्या हम जूनियर दारा सिंह को कुश्ती के भावी खिलाड़ी के रूप में देख पाएँगे?
उत्तर : मेरे एक बच्चे ने कुश्ती खेल में भाग्य आजमाया जरूर था परंतु बाद में उसने भी अपना रुख फिल्मों की ओर कर लिया।
प्रश्न : वेबदुनिया के पाठकों के नाम आपका कोई संदेश?
उत्तर : वेबदुनिया पोर्टल बहुत अच्छा काम कर रहा है। ईश्वर से यही दुआ है कि वो भविष्य में और भी अच्छा काम करे। यही मेरी शुभकामनाएँ हैं।