'म्हारी छोरियां छोरों से कम है के' आपने दंगल फिल्म का यह प्रचलित डायलॉग तो सुना ही होगा। हमारी देश की छोरियां किसी से भी कम नहीं है और इस बात को आईएएस मुस्कान डागर ने साबित भी कर दिया है। मुस्कान डागर ने पिछले साल ही UPSC का एग्जाम दिया था जिसमें उन्होंने 72वीं रैंक हासिल की है। हैरानी की बात ये है कि मुस्कान ने बिना कोचिंग के इस रैंक को हासिल किया है। आपको बता दें कि मुस्कान ने दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी। पहले एग्जाम में उन्हें 474 वीं रैंक हासिल हुई थी जिसमें उन्हें ICAS की जॉब मिली थी। वर्तमान में मुस्कान ICAS की जॉब के लिए ट्रेनिंग पर हैं। चलिए जानते हैं कि कैसे उन्होंने बिना कोचिंग दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की..
कौन हैं मुस्कान डागर?
मुस्कान हरयाणा के झज्जर के छोटे से गांव सेहलंगा से हैं। मुस्कान एक किसान की बेटी हैं। मुस्कान ने अपने जिले से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से बीएससी से ग्रेजुएशन की है। मुस्कान ने अपनी ग्रेजुएशन के तीसरे साल में यूपीएससी परीक्षा देने का निर्णय लिया। इससे पहले उन्होंने सिर्फ अपने परिवार व टीचर से यूपीएससी के बारे में सुना था। मुस्कान का ऑप्शनल सब्जेक्ट हिस्ट्री रहा है। शुरुआती 4 महीने के लिए उन्होंने ने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए कोचिंग ज्वाइन की थी। बाकि सारे सब्जेक्ट के लिए उन्होंने खुद से पढाई की है।
क्या है मुस्कान डागर की स्टडी टिप्स?
1. टोपर की निकाली लिस्ट: मुस्कान के अनुसार यूपीएससी के लिए आपके बेसिक क्लियर होना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने एग्जाम की तैयारी शुरू करने के लिए सबसे पहले सभी टोपर की लिस्ट निकाली। टोपर की लिस्ट निकालने के बाद उन्होंने देखा कि टोपर कैसे पढ़ते हैं और उन्होंने कैसे अपनी तैयारी की। इसके बाद मुस्कान ने अपने बेसिक पर ध्यान दिया।
2. प्लानिंग है ज़रूरी: मुस्कान ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि एग्जाम की तैयारी के लिए प्लानिंग बहुत ज़रूरी है। आपको पता होना चाहिए कि कितना पढना है, क्या पढना है, कैसे पढना है। साथ ही कौनसा टॉपिक कब तक पूरा करना है। इन सभी प्लानिंग की मदद से आप एग्जाम की अच्छे से तैयारी कर सकते हैं।
3. 447वीं से 72वीं रैंक का राज: मुस्कान के अनुसार उन्होंने पिछले एटेम्पट से ज्यादा प्रैक्टिस की है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा टेस्ट सीरीज और मॉक इंटरव्यू दिए हैं। ज्यादा प्रैक्टिस की मदद से ही उनकी प्रक्टिस में सुधार आया है। इसके साथ ही मुस्कान से कॉलेज के तीसरे साल से ही अखबार पढ़ना शुरू कर दिया था। उनके अनुसार करंट अफेयर को फॉलो करना बहुत ज़रूरी है।
4. फैमिली सपोर्ट है ज़रूरी: मुस्कान अपनी सफलता का राज अपने परिवार को मानती हैं। छोटे गांव से होने के बाद भी उनके परिवार ने उन्हें सारी सुविधाएं दी। साथ ही घर में शांति का माहौल बनाया जिससे वह आसानी से पढाई में ध्यान लगा सकें। छोटे गांव से होने के बाद भी मुस्कान के परिवार ने उन्हें कभी शिक्षा के लिए रोका नहीं।
5. सेलेक्ट होने के बाद भी की तैयारी: मुस्कान पहले एटेम्पट में सेलेक्ट हो चुकीं थी जिसमें उनकी 447 वीं रैंक आई थी। इसके बाद उन्हें ICAS की जॉब मिल गई थी। पर मुस्कान ने पढाई नहीं छोड़ी और अपनी रैंक को बेहतर करने के लिए उन्होंने लगातार प्रयास करें।