फॉरेन लैंग्वेज में संवारें करियर, देश-विदेश में है बहुत डिमांड

डॉ. संदीप भट्ट
मान लीजिए कि जर्मनी की कोई एक कंपनी हमारे देश के किसी राज्य में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कोई बड़ा निवेश करने जा रही है। हर कंपनी को नए क्षेत्रों में जाने के लिए कम्युनिकेशन के साथ लायजनिंग की जरूरत भी होती है। ये काम जर्मन भाषी प्रबंधक ही नहीं कर सकते। इसके लिए एक स्थानीय भाषा का एक्सपर्ट भी होना चाहिए।

स्वाभाविक तौर पर जर्मनी की कंपनी में अधिकतर प्रबंधक जर्मन भाषी हो सकते हैं। लेकिन भारत जैसे बहुभाषा देश में काम करने के लिए उन्हें कुछ ऐसे मैनेजर्स की आवश्यकता भी होगी, जो अंग्रेजी के साथ ही उस राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की जानकारी भी हो। जब कभी भी उनका प्रोजेक्ट जमीन पर साकार होगा तो उसके संचालन के लिए, वास्तविकताओं को समझाने, अपनी कंपनी की तरफ से आधिकारिक संचार करने, लक्षित जनमानस से संवाद स्थापित करेगी, उस कंपनी को एक बेहतर भाषा की आवश्यकता होगी। 
 
लोकल और ग्लोबल स्कोप : 
ग्लोबलाइजेशन के बाद से पूरी दुनिया के डेवलप और डेवलपिंग देशों में तेजी से बड़े प्रोजेक्ट्स लगने शुरू हुए। नतीजतन बहुत बड़े स्तर पर मैनपावर की जरूरत पड़ी। बहुभाषी लोगों ने कंपनियों को व्यापार में तरक्की करने के नए रस्ते खोले। यूं भी मल्टिनेशनल कंपनियों को अलग-अलग देशों में जाकर अपने काम शुरू करने के लिए ऐसे लोगों की आवश्यकता पड़ी, जो वहां की स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों को समझने वाले हों। इस तरह फॉरेन लैंग्वेज एक्सर्पट्स वक्त के साथ-साथ बिजनेस आर्गेनाइजेशंस के साथ सरकारी दूतावासों आदि के लिए जरूरी हो गए। 
 
* लैंग्वेज कम्युनिकेशन का एक सबसे महत्वपूर्ण टूल है।
 
* हर आर्गेनाइजेशन को देश-विदेश में काम करने के लिए बहुभाषी यानी कई भाषाओं के एक्सपर्ट्‍स की आवश्यकता होती है।
 
* कंपनियों को लोकल लैंग्वेज एक्सपर्ट्‍स लायजनिंग यानी तालमेल बैठाने में बहुत काम आते हैं। 
 
* इंटरनल और एक्सटर्नल यानी कोई भी संगठन अपने कर्मचारियों/प्रबंधन के अलावा अन्य लोगों से बेहतर संवाद के लिए लैंग्वेज पर निर्भर करते हैं।
 
स्वाभाविक तौर पर एक ऐसी कंपनी जो कि किसी दूसरे देश या अपने ही देश में अलग भाषा वाले इलाके में कोई प्रोजेक्ट लगा रही है, तो उस कंपनी को यहां स्थानीय भाषा समझने के लिए और उसमें काम करने में दक्ष लोगों की आवश्यकता होगी। है। वहां ही लोकल या फॉरेन लैंग्वेज के जानकार ये लोग कम्युनिकेशन, पब्लिक रिलेशंस और अनुवाद आदि क्षेत्रों में बहुत कारगर होते हैं। 
 
ये कम्युनिकेशन ऑफिसर हो सकते हैं जो अपनी कंपनी की बात लोकल लैंग्वेज में आम लोगों को समझा सकें तथा जनसमुदाय को कंपनी की बात उनकी भाषा में समझा सकें। इससे एक समन्वय स्थापित हो सकेगा और कंपनी बेहतर वातावरण का निर्माण कर प्रोजेक्ट आगे बढ़ा सकेगी। अगर आपकी रूचि देश-विदेश में एक अच्छी नौकरी करने की है। आप समाज, संस्कृति, भाषा आदि विषयों में रूचि रखते हैं तो किसी विदेशी भाषा के साथ आपके करियर को नई दिशा मिल सकती है। 
 
बेस्ट करियर ऑप्शंस : 
आज के ग्लोबल वर्ल्ड में देशों के आपस में संबंध व्यापारिक हों या राजनयिक, हर क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ रही हैं। स्वाभाविक है कि देशों और संस्थाओं के संबंधों के विस्तार के चलते लैंग्वेज एक्सपर्ट्‍स की डिमांड खूब बढ़ गई है। सरकारी और व्यापारिक संगठनों के साथ-साथ एनजीओ आदि में विदेशी भाषाओं के जानने वाले लोगों की खासी मांग है।  
 
* फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्‍स कंपनियों और संस्थाओं को हर तरह के कम्युनिकेशन में मदद करते हैं।
 
* फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्‍स दूसरे देशों के माहौल वहां के घटनाक्रमों से अपनी संस्थाओं को अपडेट करते हैं।
 
* किसी कंपनी के लिए रिपोर्ट राइटिंग, एमओयू बनाना, व्यापारिक करार सहित अनेक डाक्यूमेंट बनाने जैसे तमाम काम फॉरेन लैंग्वेज से जुड़े लोग ही करते हैं। 
 
* राजनयिकों, सरकारी डेलिगेट्स सहित तमाम प्रमुख मीटिंग्स में फॉरेन लैंग्वेज के एक्सर्पट्स शामिल होते हैं।
 
आज कोई भी मल्टिनेशनल कंपनी अपने बिजनेस को लगातार बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। आईटी कंपनी हो या फिर बैंक या कोई टेलिकम्युनिकेशन कंपनी, सभी संस्थाओं में विदेशी भाषाओं के एक्सपर्ट्स की जरूरत है। आज फ्रेंच, जर्मन, चाइनीज, जापानी, रशियन, स्पैनिश, इटालियन आदि भाषाओं के जानकारों को दुनियाभर में बेहतरीन करियर आप्शंस मिल रहे हैं। 
 
कोई भी देशी-विदेशी कंपनी तभी किसी अन्य देश में अपना कामकाज शुरू कर सकती है, जब उसको वहां की जरूरी जानकारियों के इनपुट सही भाषा में मिलें। इसके लिए विदेशी भाषाओं के जानकारों के बिना काम नहीं चल सकता। इस तरह फॉरेन लैंग्वेज में कामकाज आज किसी भी मल्टिनेशनल बिजनेस आर्गेनाइजेशन के लिए जरूरी हैं। यही कारण है कि दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में ग्लोबल डिमांड वाली फॉरेन लैंग्वेज के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री और रिसर्च आदि कोर्सेज करवाए जाते हैं। दुनियाभर में हर साल फॉरेन लैंग्वेज जानने वाले लोगों की डिमांड बढ़ती ही जा रही है। 
 
जॉब प्रोफाइल :
एक फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट के लिए कई तरह के जॉब प्रोफाइल हो सकते हैं। यह इस बात पर ज्यादातर निर्भर करता है कि आप आखिर किस तरह की संस्था में काम कर रहे हैं। किसी कंपनी या सरकार के किसी संस्थान में ट्रांसलेटर या इंटरप्रेटर के बतौर काम कर सकते हैं। किसी विदेशी भाषा के जानकार अगर किसी एयरलाइन के साथ काम कर रहे हैं तो फ्लाइट क्रू मेंबर से लेकर रिर्जवेशंस, ग्राउंड सपोर्टिंग स्टॅाफ आदि विभागों में भी काम कर सकते हैं। इसी तरह किसी स्कूल में बतौर फॉरेन लैंग्वेज टीचर भी शानदार करियर आप्शंस मौजूद हैं। 
 
किसी आईटी कंपनी में कंटेंट राइटर या पॉलिसी एक्सपर्ट्‍स आदि सेक्शंस में फॉरेन लैंग्वेज से जुडे लोगों की हमेशा जरूरत रहती है। दुनिया की तमाम सरकारें दूसरे मुल्कों में अपने दूतावास रखती हैं, जिनमें फॉरेन लैग्वेज के जानकार लोग अनुवाद से लेकर कई अन्य काम करते हैं।

ट्रेवल्स और टूरिज्म इंडस्ट्री में होटल, रेस्त्रा आदि में फॉरेन लैंग्वेज के एक्सपर्ट्स की हमेशा भारी डिमांड रहती है। आजकल मेडिकल टूरिज्म जैसे नए सेक्टर्स भी फल-फूल रहे हैं, इसके साथ इस सेक्टर में भी फॉरेन लैंग्वेज जानने वालों की मांग है। किसी विदेशी भाषा के जानने वाले लोग फ्री लॉसिंग भी कर सकते हैं। इंटरनेट और ऑनलाइन कामकाज के बढ़ते चलन के साथ फॉरेन लैंग्वेज में फ्रीलांसिग एक बहुत अच्छा सेक्टर बन गया है। 
 
कैसे शुरुआत करें : 
किसी भी फॉरेन लैंग्वेज में करियर संवारने के लिए आप 12वीं कक्षा से शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि कई प्रायवेट स्कूल्स और केंद्रीय विद्यालयों आदि में एक फॉरेन लैंग्वेज स्कूली स्तर से ही शुरू हो जाती है फिर भी बहुत सी टॉप यूनिवर्सिटीज अनेक विदेशी भाषाओं की पढ़ाई के आप्शंस देती हैं। बेहतर होगा कि आप किसी फॉरेन लैंग्वेज में ग्रेज्युएशन कर लें। अगर वहां जाकर पढ़ाना है और आप किसी दूसरे देश में वहां की भाषा की टीचिंग यूनिवर्सिटी या कॉलेज लेवल पर करना चाहते हैं तो अच्छा होगा कि उसमें पीजी और पीएचडी कर लें। 
 
अगर आप आईटी, ट्रेवलिंग और टूरिज्म आदि सेक्टर्स में काम करना चाहते हैं तो फॉरेन लैंग्वेज में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा प्रोग्राम जैसा कोई कोर्स करना भी पर्याप्त हो सकता है। कुल मिलाकर देखें तो किसी भी फॉरेन लैंग्वेज के लिए शॉर्ट टर्म या पार्ट टाइम सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर रिसर्च स्टडीज जैसे प्रोग्राम किए जा सकते हैं। उसके बाद आपकी रूचि और योग्यता के अनुसार आप किसी भी सेक्टर में काम कर सकते हैं। 
 
यूं भी अगर हम देखें तो किसी भी तरह के करियर या जॉब की जब भी बात आती है, लैंग्वेज और कम्युनिकेशन स्किल्स हमेशा बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में अगर आपको कोई फॉरेन लैंग्वेज आती है। तो देश-विदेश में बहुत अच्छे करियर आप्शंस आपके लिए मौजूद हैं। इस सेक्टर में सैलरीज भी बहुत अच्छी मिलती हैं। इसलिए अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी हैं, आपको लिटरेचर, कल्चर जैसे विषयों में रूचि है और आप किसी लैंग्वेज में ही करियर बनाना चाहते हैं तो फॉरेन लैंग्वेज में आपके लिए शानदार करियर ऑप्शंस मौजूद हैं।

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