साइबर सिक्योरिटी में बनाएं फ्यूचर करियर, पाएं लाखों रुपए का सालाना पैकेज

डॉ. संदीप भट्ट
cyber Security 
 
आज के समय में इंटरनेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। हम अपने रोजमर्रा के बहुत से कामकाज तकनीकों की सहायता से ही करते हैं। जीवन में तकनीक के हस्तक्षेप बढ़ने से हर क्षेत्र में इंटरनेट और कम्प्यूटर जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल बढ़ा है।
 
आज हमें चाहे कोई रेल का टिकट बुक करना हो, बाजार में या फिर घर बैठे ऑनलाइन पर कोई खरीदारी करनी हो अथवा अपने किसी परिचित को पैसे ट्रांसफर करने हो, ये सब काम हम अपने कम्प्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट की सहायता से कहीं से भी कर लेते हैं। आज बच्चे ऑनलाइन क्लास करते हैं तो टेलीमेडिसिन तकनीकों से मरीजों का इलाज ऑनलाइन हो रहा है। पॉवर, गैस आदि जरूरी सप्लाई भी कम्प्यूटर्स के जरिये ही ऑटोमैटेड तरीके से हो रही हैं।
 
बीते सालों में खासकर कोविड के बाद हमने देखा भी है कि बैंकिंग, एजुकेशन और सर्विस सेक्टर से जुड़े हुए बहुत से कामकाज ऑनलाइन ही किए जा रहे हैं। साफ है कि दुनियाभर में इंटरनेट और कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल बढ़ा है।
 
*टेक्नोलॉजी के दौर में इंटरनेट और गैजेट्स का तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा है।
 
*ऑनलाइन कामकाज के बढ़ने से साइबर अपराधों में तेजी आई है।
 
*साइबर वर्ल्ड की सुरक्षा के लिए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मार्केट में खूब डिमांड।
 
इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी सहित अनेक क्षेत्रों में डाटा पर नजर बनाए रखने वाली फर्म स्टैटिस्टा की एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में 460 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। हम कह सकते हैं कि दुनियाभर में इंटरनेट का खूब इस्तेमाल हो रहा है।
 
इंटरनेट, दरअसल नेटवर्कों का ग्लोबल नेटवर्क है। इसमें कम्प्यूटर या कम्प्यूटिंग का काम करने वाली डिवाइसेज आपस में एक नेटवर्क से जुड़ी हुई होती हैं। कोई भी ऑनलाइन कामकाज इंटरनेट के बिना संभव नहीं। ग्लोबल स्तर पर इंटरनेट से ही सभी ऑनलाइन गतिविधियां संचालित होती हैं।
 
जिस तेजी से इंटरनेट का विस्तार हुआ है या उस पर कामकाज बढ़ा है, उसी तेजी से ऑनलाइन अपराध या साइबर क्राइम के मामलों में भी खासी बढ़ोतरी हुई है। आमतौर पर इंटरनेट पर होने वाले अपराधों को हम 'साइबर क्राइम' कहते हैं। इंटरनेट की दुनिया में कई तरह के अपराध होते हैं जिनमें डाटा हैकिंग, फ्रॉड, वायरस अटैक, थैफ्ट या चोरी, साइबर बुलिंग, स्टॉकिंग आदि प्रमुख हैं।
 
साइबर अपराध की दुनिया भी बहुत ही विस्तृत है। दुनियाभर में प्रतिदिन हजारो-हजार साइबर अपराध होते हैं जिनमें छोटी-मोटी घटनाओं से लेकर गंभीर किस्म के अपराध भी शामिल हैं। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड ने अपने एक अध्ययन में पाया कि औसतन विश्व में हर 1 मिनट के भीतर लगभग 2 साइबर अपराध होते हैं।
 
कई मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि ईरान, नॉर्थ कोरिया, रशिया जैसे देशों ने अपने यहां हैकर्स की फौजें खड़ी कर रखी हैं, जो किसी भी देश के नेटवर्क सिस्टम को तबाह कर सकते हैं। ऐसे में ग्लोबल लेवल पर नेटवर्क की सिक्योरिटी की चिंताएं बढ़ी हैं। ऐसे में इंटरनेट को सुरक्षित बनाना बहुत बड़ी चुनौती है।

ऑनलाइन दुनिया को सिक्योरिटी देने का काम करते हैं साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स। यही कारण है कि तेजी से दुनियाभर में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की डिमांड बढ़ रही है।
 
क्या है साइबर सिक्योरिटी?
 
इंटरनेट की दुनिया में हमें और हमारे कामकाज को सुरक्षा प्रदान करने वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बहुत महत्वपूर्ण भूमिका में होते हैं। मोटे तौर पर समझें तो एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट का काम हमारी हर ऑनलाइन एक्टिविटी को सुरक्षित बनाने के साथ ही साइबर अपराधों की रोकथाम और जांच-पड़ताल करना आदि भी होता है।
 
सीधे शब्दों में समझें तो इंटरनेट पर किसी यूजर को ऑनलाइन या साइबर अपराध से बचाने के लिए साइबर सिक्योरिटी का इस्तेमाल किया जाता है। इस सेक्टर में अभी बहुत से लोगों की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए भी है कि इंटरनेट और गैजेट्स का उपयोग दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा है। लोकप्रिय वेबसाइट नौकरी डॉटकॉम ने हाल ही में 2023 के लिए टॉप टेन डिमांडिंग जॉब्स की एक सूची जारी की है जिसमें साइबर सिक्योरिटी इंजीनियरिंग भी एक तेजी से बढ़ता हुआ जॉब ट्रेंड है।
 
दरअसल, एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट किसी इंटरनेट नेटवर्क के लिए सुरक्षा तंत्र को तैयार करते हैं। वे उस पूरे नेटवर्क में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को कोई भी एक्टिविटी नहीं करने देते। वे हमारे गैजेट्स और नेटवर्क के कम्युनिकेशन की सेफ्टी के लिए जिम्मेदार होते हैं।
 
*बैंकिंग, मार्केट रिसर्च, आरएंडडी, टेलीकम्युनिकेशन जैसे सेक्टर्स में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की खासी मांग। 
 
*भविष्य में डेटा और इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी के लिए ग्लोबल लेवल पर साइबर सिक्योरिटी से जुड़े विशेषज्ञों की डिमांड बढ़ेगी।
 
*आम आदमी से लेकर बड़ी कंपनियों तक को है डेटा सिक्योरिटी की डिमांड।
 
साइबर सिक्योरिटी से जुड़े लोगों का काम एक सिक्योरिटी फोर्स की तरह है। वे अपने नेटवर्क को किसी भी तरह के हमले से सुरक्षित बनाते हैं। साइबर सुरक्षा कई तरह की होती है। इसमें नेटवर्क सुरक्षा, एप्लीकेशन सुरक्षा, सूचनाओं की सुरक्षा, ई-मेल की सुरक्षा, नेटवर्क का एक्सेस कंट्रोल, डाटा लॉस सिक्योरिटी, किसी भी तरह के मैलवेयर अटैक आदि से बचाना जैसे कई टॉस्क शामिल होते हैं।
 
साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कोर्स कब करें?
 
अगर कोई विद्यार्थी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बनना चाहता है तो सबसे पहली शर्त है कि कम्प्यूटर और कम्प्यूटर में उसकी रुचि होना आवश्यक है। आमतौर पर जिस फील्ड में वर्कफोर्स की डिमांड मार्केट में बढ़ती है उसमें एक्सपर्ट्स की जरूरतें भी खूब होती हैं। साइबर सिक्योरिटी भी ऐसा ही फील्ड है।
 
इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए अभी साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कोर्सेज में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, अंडर ग्रेजुएट से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा आदि हैं। पिछले कुछ दिनों पहले दिल्ली के एम्स का पूरा नेटवर्क साइबर हमले का शिकार बन गया था। इससे पूरे संस्थान को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे यह समझ में आया कि एक महत्वपूर्ण संस्थान को अपने नेटवर्क को हाई सिक्योरिटी पर रखना बहुत ही जरूरी है। ये काम साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्टस ही कर सकते हैं।
 
आजकल कम्प्यूटर स्कूलों में भी सिखाया जाता है तो अगर आप बीसीए याने बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन, आईटी तथा कम्प्यूटर सब्जेक्ट में बीई या बीटेक जैसी कोई डिग्री अगर करते हैं तो आपको इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कम्प्यूटिंग की अच्छी नॉलेज हो जाती है।
 
इसके बाद अगर आप साइबर सिक्योरिटी के फील्ड में कोई डिप्लोमा या पीजी डिग्री या सर्टिफिकेट आदि करते हैं तो एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बनने में आसानी हो सकती है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की बढ़ती मांग के चलते कई देश-दुनिया में कई यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट अपने यहां साइबर सिक्योरिटी के स्पेशलाइजेशन वाले कोर्स करा रहे हैं।
 
*12वीं के बाद से भी इस फील्ड में कर सकते हैं शुरुआत।
 
*साइबर सिक्योरिटी के अलग-अलग तरह के कोर्स मौजूद।
 
*साइबर सिक्योरिटी फील्ड में काम करने के लिए कम्प्यूटर और आईटी में रुझान जरूरी।
 
दरअसल, अपने इंस्टीट्यूट या कंपनी को साइबर अपराधों से बचाने के काम में एक साइबर एक्सपर्ट किसी नेटवर्क से जुड़ी समस्या को हल करता है। इसलिए उसमें मौलिक साइबर फॉरेंसिक कौशल, तकनीकी योग्यता और बहुत ही जल्दी सीखने के गुण होने जरूरी हैं। उसे समस्याओं को गंभीरता से समझते हुए काम करना होता है।
 
आप अगर साइबर सुरक्षा में करियर बनाना चाहते हैं तो आपके अंदर ये स्किल्स होने ही चाहिए। इन दिनों आईआईटी से लेकर कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स भी साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कई तरह के प्रोग्राम्स करवा रहे हैं। लेकिन अच्छे से सीखने और इस फील्ड में अपनी स्किल्स को डेवलप करने के लिए फुलटाइम कोर्स करने ही बेहतर होंगे। इससे आप प्रैक्टिकल अप्रोच के साथ सीख सकते हैं।
 
आप अपनी शैक्षणिक योग्यता को ध्यान में रखकर साइबर सिक्योरिटी से जुड़ा अपनी पसंद का कोई भी कोर्स कर सकते हैं। हां, एडमिशन से पहले अपने इंस्टीट्यूट की परफॉर्मेंस, उसकी मान्यता और प्लेसमेंट्स आदि को जरूर देखें। किसी करियर कंसल्टेंट से भी मदद ले सकते हैं।
 
सैलरी और फ्यूचर : 
 
नौकरी डॉटकाम की रिपोर्ट्स बताती है कि अभी हमारे मार्केट में शुरुआती तौर पर साइबर सिक्योरिटी से जुड़े फील्ड में औसतन 7 लाख तक के पैकेज मिल रहे हैं। हालांकि ये ऐसा फील्ड है, जहां आपकी एक्सपर्टाइज से आपको और अधिक वेतन भी मिल सकता है।
 
ओपन मार्केट में आपके काम और अनुभव से सैलरी तय होती है। अगर आप थोड़ा अनुभव हासिल कर लेते हैं तो सैलरी भी बढ़ती रहेगी। ग्लोबल जॉब मार्केट एनालिसिस फर्म ग्लॉसडोर का डेटा बताता है कि हमारे देश में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट को 11 लाख तक का सालाना सैलरी पैकेज मिल रहा है।
 
साइबर एक्सपर्ट्स के पास फ्रीलांस काम करने के भी अच्छे ऑप्शंस हैं। जहां तक फ्यूचर की बात है तो इस सेक्टर में हमेशा बूम बना रहेगा। इसकी खास वजह ये है कि आज इंटरनेट से ही अधिकांश काम हो रहे हैं। ऐसे में अपने देश के साथ ही ग्लोबल मार्केट में भी नेटवर्क, गैजेट्स और टेक्नोलॉजी के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की डिमांड बनी रहेगी।

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