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साइंटिस्ट बनने का हो सपना, तो बायोटेक्नोलॉजी में संवारें करियर

हमें फॉलो करें साइंटिस्ट बनने का हो सपना, तो बायोटेक्नोलॉजी में संवारें करियर
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डॉ. संदीप भट्ट

अगर आपकी विज्ञान में रूचि है खासकर जीव विज्ञान में, तो आपके लिए बायोटेक्नोलॉजी एक शानदार करियर फील्ड हो सकती है। इससे जुड़े हुए बैचलर या मास्टर्स कोर्स को करने के बाद आपके लिए बहुत सारे विकल्प खुल सकते हैं। इस सेक्टर में बेहद आकर्षक सैलरी भी मिलती है। तो अगर आप 12वीं या ग्रेजुएशन कर चुके हैं और कुछ बेहतर करियर के बारे में सोच रहे हैं तो बायोटेक्नोलॉजी आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है। 
 
आइए जानते हैं कि बायोटेक्नोलॉजी क्या है और इसमें करियर कैसे बना सकते हैं-
 
क्या है बायोटेक्नोलॉजी : 
 
जीवन का विज्ञान हमेशा से ही मनुष्य की अभिरूचि का एक प्रमुख विषय रहा है। अब तक के तमाम आविष्कारों के पीछे सीधे तौर पर विज्ञान का अनुप्रयोग और वैज्ञानिकों के प्रयास ही हैं। विज्ञान की एक शाखा के बतौर जैव प्रौद्योगिकी याने बायोटेक्नोलॉजी एक ऐसा ही शानदार कॉम्बिनेशन है जिसमें उन तकनीक और जीवित कोशिकाओं के प्रयोगों से मानव की बेहतरी के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

इतिहास से लेकर अब तक अगर हम देखते हैं तो मनुष्य अपनी बेहतरी के लिए सतत प्रयत्नशील रहा है। उसने अनेक क्षेत्रों मे लगातार अनुसंधान कर ऐसी तकनीकों और उपकरणों को ईजाद किया है जिससे जीवन और सुगम तथा बेहतर बना है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के तमाम क्षेत्रों में अब तक तमाम आश्चर्यजनक खोजें हो चुकी हैं जिनसे चिकित्सा, कृषि, दूरसंचार, उत्पादन आदि में बहुत शानदार परिणाम मिले हैं।
 
* बायोटेक्नोलॉजी एक फॉस्ट ग्रोइंग फील्ड।
 
* बायोलाजी और टेक्नोलाजी स्टडीज का काम्बिनेशन है बायोटेक।
 
* बायोटेक रिसर्च में सबसे अधिक स्कोप।
 
* लाइफ साइंसेज और टेक्नोलाजी बैकग्राउंड वालों के लिए असीमित संभावनाएं।
 
बायोटेक्नोलॉजी बीत कुछ दशकों में दुनियाभर में विज्ञान विषयों में सबसे अधिक अनुसंधान (रिसर्च) का फील्ड बन चुकी है। इसका सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण अगर हम देखें तो टेस्ट ट्यूब बेबी, जीएम फसलें (जेनेटिकली मोडिफाइड क्रॉप्स) हैं।

बायोटेक्नोलॉजी की लोकप्रियता का अहम कारण यह है कि यह सीधे तौर पर जीवन से जुड़ा हुआ है और उसकी बेहतरी और संशोधन के लिए काम करने वाला विज्ञान है। बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग अधिकतर नए और बेहतर किस्म की फसल प्रजातियों, रिकॉम्बिनेशन डीएनए तकनीक, क्लिनिकल डॉयग्नॉस्टिक्स, मेडिकल थैरेपी, बॉयो-इन्फरमेटिक्स और बॉयोमटीरियल्स के प्रोडक्शन में किया जाता है। इसके अतिरिक्त इन दिनों जीन एडिटिंग बायोमैन्युफैक्चरिंग, सिंथेटिक बॉयोलाजी, जीन सीक्वेंसिंग जैसे नए सब-फील्ड्स भी बायोटेक के अंतर्गत खूब चलन में हैं।

दरअसल बायोटेक रिसर्च के अंतर्गत जीवित कोशिकाओं या उनसे प्राप्त तत्वों को प्रोसेस किया जाता है। इसके लिए जीव कोशिकाओं पर तकनीकों उपयोग करते हुए मनुष्य के लिए उपयोगी प्रोडक्ट्स का विकास किया जाता है। दवाइयों, वैक्सीन्स का हमारे शरीर पर प्रभाव और उन्नत किस्म की दवाइयां बनाने में भी बायोटेक का इस्तेमाल होता है।
 
कौन सा कोर्स रहेगा बेहतर : 
 
किसी भी प्रोफेशनल कोर्स का सलेक्शन करना बहुत ही चुनौती भरा होता है। बायोटेक के फील्ड में भी कई तरह के कोर्स मौजूद हैं। हर इंस्टिट्यूट अपनी स्पेशियलिटी के अनुसार कोर्स ऑफर करते हैं। 12वीं के बाद ग्रेजुएशन लेवल पर अगर बात करें तो बीएससी इन बायोटेक्नोलॉजी एक सबसे पॉपुलर कोर्स किया जा सकता है।

कुछ इंस्टिट्यूट्स में बैचलर ऑफ साइंस इन अप्लाइड बायोटेक्नोलॉजी जैसे कोर्सेस भी करवाए जाते हैं। कुछ आईआईटी संस्थानों में बायोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी का मिलाजुला कोर्स भी करवाया जाता है। तो बायोटेक्नोलॉजी के किसी भी तरह के बैचलर कोर्स के लिए 12वीं में साइंस बैकग्राउंड होना चाहिए। 
 
अलग-अलग संस्थानों की अपनी एडमिशन पॉलिसी होती है, जो उन संस्थानों की वेबसाइट्स पर देखी जा सकती है। लेकिन आमतौर पर कुछ प्रमुख संस्थानों को छोड़ दें तो अधिकतर में 12वीं की मेरिट या इंस्टीट्यूट के अपने एन्ट्रेंस एक्जाम के आधार पर प्रवेश मिल जाता है। एनआईटी, आईआईटी और आईआईएसईआर आदि अन्य संस्थानों में बीटेक कोर्स के लिए जेईई एग्जाम्स के माध्यम से प्रवेश होता है।
 
* 12वीं के बाद ग्रेजुएशन लेवल पर बीएससी इन बायोटेक्नोलॉजी एक सबसे पापुलर कोर्स।
 
* बायोटेक्नोलॉजी में किसी भी तरह के बैचलर कोर्स के लिए 12वीं में साइंस बैकग्राउंड होना जरूरी।
 
* संस्थानों की अपनी एड्मिशन पॉलिसी। आमतौर पर प्रमुख संस्थानों को छोड़ अधिकतर में 12वीं की मेरिट पर प्रवेश।
 
* इंस्टीट्यूट के अपने एन्ट्रेंस एक्जाम के आधार पर भी प्रवेश।
 
* एनआईटी, आईआईटी में बीटेक कोर्स के लिए जेईई एक्जाम्स के माध्यम से होता है प्रवेश।
 
मास्टर या किसी एडवांस डिग्री में एडमिशन भी इसी तरह होते हैं। अनेक संस्थानों में बैचलर लेवल के बाद के कोर्स में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एक्जाम होते हैं जिनके स्कोर पर एडमिशन मिलते हैं। आईआईटी और एनआईटी और आईआईआईटी में एमटेक के लिए तरह-तरह के एंट्रेंस एक्जाम्स के मामध्य से प्रवेश होते हैं। अगर किसी विदेश यूनिवर्सिटी से मास्टर्स करना है तो उनके मानदंडों के अनुसार पात्रता होने पर ही एडमिशन मिलते हैं।
 
कुछ इंस्टीट्यूट में बायोटेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस भी करवाए जाते हैं। लेकिन इस तरह के कोर्सेस तभी आपके करियर में मददगार हो सकते हैं, जब आपने बैचलर कोर्स किसी भी सांइस में किया हो और आप बायोटेक में अपग्रेडेशन या स्पेशलाइजेशन चाहते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि इस फील्ड में अच्छा करियर बनाने की शुरुआत बैचलर कोर्स से ही होगी।
 
बेहतर होगा कि आप किसी भी संस्थान से फुल टाइम बैचलर ऑफ साइंस इन बायोटेक्नोलॉजी या फिर बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स करें। इसके बाद फिर अपनी आवश्यकतानुसार मास्टर्स भी कर सकते हैं या ग्रेजुएशन के बाद सीधे फील्ड में जाकर करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
 
करियर की शुरुआत
 
बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट या पोस्ट-ग्रेजुएशन का कोई भी कोर्स करने के बाद एग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग, एनिमल एंड प्लॉंट जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिसर्च लैब्स, मेडिकल इंडस्ट्री, वाइल्ड लाइफ रिसर्च और हेल्थ केयर सेक्टर्स में काम के मौके मिलते हैं। कुछ साल बाद जब आपका अच्छा अनुभव हो जाता है तो बतौर साइंटिस्ट भी आप इस क्षेत्र में अपने आपको स्थापित कर सकते हैं।
 
एक बायोटेक ग्रेजुएट अपने करियर की शुरुआत इस सेक्टर की किसी भी छोटी कंपनी से कर सकता है। फूड या फार्मा हो या फिर कोई लैब, एक बायोटेक ग्रेजुएट के लिए तमाम छोटे-बड़े उद्योगों में अवसर मौजूद होते हैं। अपने कोर्स के दौरान ग्रेजुएट स्टूडेंट्स जिन कंपनियों में इंर्टनशिप के लिए जाते हैं, वहां पर भी उन्हें अपने लिए करियर की संभावनाएं खोजनी चाहिए।
 
* मास्टर्स और स्पेशलाइजेशन के साथ बढ़ती है प्रोफेशनल्स की डिमांड।
 
* भारत में 8 हजार करोड़ का बाजार मौजूद।
 
* तमाम संस्थानों में बायोटेक के ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट्स की भारी डिमांड।
 
अगर एक मास्टर या पीएचडी जैसे एडवांस रिसर्च लेवल के बायोटेक प्रोफेशनल के लिए करियर की शुरुआत की बात की जाए तो उसके लिए रिसर्च में खूब अवसर मौजूद होते हैं। तमाम सरकारी रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में जूनियर रिसर्च फैलो, असिस्टेंट साइंटिस्ट, पोस्ट डॉक्टरल फैलो बतौर वे काम कर सकते हैं।
 
प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में बायोटेक साइंटिस्ट या इंजीनियर बतौर भी करियर की शुरुआत की जा सकती है। इसके अलावा तमाम करियर की वेबसाइट्स पर अपना बायोडेटा अपडेट कर रखना चाहिए और मार्केट में मौजूद हर बेहतर नौकरी पर नजर रखते हुए लगातार अच्छे संस्थानों में अप्लाई करते रहने से करियर के शानदार मौके मिल सकते हैं।
 
सैलरी
 
बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर में किसी अंडर ग्रेजुएट कोर्स को शुरुआत में 25 से 30 हजार रुपए की सैलरी मिल सकती है वहीं अगर आपने मास्टर्स या एडवांस लेवल की डिग्री या फिर पीएचडी आदि किया है तो सालाना 6-7 लाख का सैलरी पैकेज मिल सकता है।
 
सरकारी संस्थानों में बतौर जूनियर या असिस्टेंट साइंटिस्ट सालाना 8 लाख तक की सैलरी वाले जॉब्स भी कर सकते हैं। प्राइवेट कंपनियों में तो अगर आपके पास पर्याप्त अनुभव हो तो इस सेक्टर में आपकी महीने की सैलरी लाखों में पहुंच जाती है। इसलिए शुरुआत कहीं से भी करें लेकिन इस फील्ड में अनुभव बहुत काम आता है।
 
दरअसल, बायोटेक्नोलॉजी फील्ड में काम करते हुए आपके रिसर्च और इनोवेशन वाले काम आपको अच्छी प्रतिष्ठा दिलवाते हैं। इस सेक्टर में हर कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन में एक साइंटिस्ट में यही खूबियां देखी जाती हैं, तो वक्त के साथ लगातार बेहतर काम करते रहने से आपको नाम और शानदार पैसा बायोटेक्नोलॉजी के फील्ड में मिल सकता है।
 
* 859 बिलियन डॉलर का ग्लोबल मार्केट।
 
* बायोटेक के ग्रेजुएट्स की सालाना सैलरी 5 लाख रुपए तक।
 
* एक्सपीरियंस के साथ बढ़ेगा सैलरी पैकेज। 
 
कहां से करें कोर्स?
 
आज बायोटेक का ग्लोबल मार्केट बहुत बड़ा है। सबसे अच्छी बात है कि इस सेक्टर का लगातार विकास हो रहा है। ऐसे में स्टूडेंटस का इस तरफ खूब रुझान है। कई तरह के प्रोग्राम्स या कोर्सेस मौजूद हैं, जो बायोटेक में करियर बनाने के लिए जरूरी हैं। ऐसे में यहां एक अहम सवाल उठता है कि आखिर कोई भी कोर्स कहां से किया जाए? लेकिन इसका जवाब भी बहुत आसान है।
 
दरअसल, आपको तय करना होगा कि आप कौन सा कोर्स करना चाहते हैं? मसलन अगर बैचलर लेवल से शुरुआत करनी है तो बीटेक और बीएएसी जैसे कोर्सेज के लिए अपनी पसंद के इंस्टीट्यूट की एडमिशन पॉलिसी देखनी होगी और उसके हिसाब से तैयारी कर अप्लाई करना होगा।
 
अगर मास्टर डिग्री करना है तो इसके लिए किसी भी संस्थान से साइंस सब्जेक्ट्स में ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके अलावा आईआईएसईआर जैसे शानदार रिसर्च संस्थानों के बीएस प्रोग्राम्स भी बहुत अच्छे होते हैं जिनको करने के बाद अच्छे इंस्टीट्यूट्स से बायोटेक में मास्टर्स किया जा सकता है। यही नहीं, वहीं से मास्टर्स करने के बाद बायोटेक में स्पेशलाइजेशन के रिसर्च भी किए जा सकते हैं।
 
* बायोटेक में बीएससी से लेकर बीटेक, बीए और बीस जैसे बैचलर कोर्स मौजूद।
 
* एमटेक, एमएससी और एम इंजीनियरिंग के रिसर्च प्रोग्राम्स की भी खासी डिमांड
 
* पीएचडी और एडवांस कोर्स करने वालों के लिए देश-विदेश में खूब अवसर
 
दुनिया के कुछ टॉप विदेशी इंस्टीट्यूट जिनमें कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड, स्टैनफोर्ड जैसी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। उनमें से अधिकतर में बायोटेक्नोलॉजी को केमिकल या बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के साथ पढ़ाया जाता है। इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बीए ऑनर्स केमिकल इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी में करवाया जाता है। यह 3 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। इसके साथ ही वहां पर अगर आप बायोटेक में मास्टर्स इन इंजीनियरिंग भी कर सकते हैं। 
 
बहरहाल, डिग्री आप कहां से कर रहे हैं इस बात का फर्क तो जरूर पड़ता है लेकिन आपने फील्ड में शुरुआत के लिए कितने स्किल्स सीखे हैं यह भी उतना ही जरूरी है। कुल मिलाकर देखें तो बायोटेक्नोलॉजी एक हाईली प्रोफेशनल और साइंटिफिक फील्ड है। इसमें करियर के लिए जरूरी है कि आप कोई भी कोर्स कहीं से भी करें लेकिन फील्ड के लिए स्किल्स को जरूर सीखें। इंटर्नशिप जरूर करें और अगर जॉब शुरू करें तो खुद को फील्ड के अनुसार लगातार अपडेट करते रहें।

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