आईआईएम इंदौर में पढ़ रहे विद्यार्थी इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में दाखिला ले रहे हैं। आईआईएम द्वारा दो महीने पहले शुरू किए गए पाँच वर्षीय इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्रोग्राम के विद्यार्थियों ने डिग्री पाने के लिए यह रास्ता चुना है। आईआईएम में पढ़ने के साथ विद्यार्थियों ने अपनी पसंद के दूरस्थ कोर्सों में भी प्रवेश के लिए आवेदन देना शुरू कर दिया है।
आईआईएम इंदौर ने देश के सभी आईआईएम से अलग हटकर पांच वर्षीय कोर्स लांच किया है। इस कोर्स में 12वीं पास विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। कोर्स की शुरुआत से पहले आईआईएम ने इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को डिग्री देने की घोषणा की थी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि आईआईएम विवि नहीं, बल्कि सोसाइटी है। वैधानिक रूप से वह डिग्री नहीं दे सकता। बाद में डिग्री देने का प्रस्ताव आईआईएम ने तो कोर्स से हटा दिया, लेकिन इसमें प्रवेश ले चुके 120 छात्रों के सामने समस्या खड़ी हो गई।
उनकी चिंता है कि 5 वर्ष पढ़ने के बाद भी उन्हें डिग्री नहीं मिलती। ऐसे में वे आईआईएम में पढ़कर भी नौकरियों और भविष्य के मौके के लिए अर्हता ही हासिल नहीं कर पाते। इसके बाद आईआईएम ने डिग्री देने के लिए देशी-विदेशी विवि से करार की बात भी शुरू की। करार की वह प्रक्रिया तो अंजाम तक नहीं पहुंची। इस कोर्स के छात्रों ने अब इग्नू के कोर्स में दाखिला लेना शुरू कर दिया है। आईआईएम की ओर से भी उन्हें दूरस्थ कोर्सों में प्रवेश लेने की अनुमति प्रदान कर दी है। बीते दिनों में इंटीग्रेटेड कोर्स के करीब 70 फीसदी छात्र इग्नू के कोर्स में दाखिले का आवेदन दे चुके हैं।