नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट का भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, वित्तीय बाजार आहत हैं और व्यापार संकुचित हुआ है।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार पर 2016-17 में सातवें वेतन आयोग और ओआरओपी खर्च का अतिरिक्त बोझ आएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी लाभ सिर्फ जरूरतमंदों को मिले, इसके लिए सरकार कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक निर्यात में गिरावट के बावजूद 2015-16 में वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हमारी बाहरी स्थिति मजबूत है। चालू खाते का घाटा घटकर 14.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह जीडीपी के 1.4 प्रतिशत के बराबर होगा।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उपभोक्ता थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले साल के तीन साल में 9.4 प्रतिशत रही। यह अब घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा कि बजट नौ क्षेत्रों- कृषि क्षेत्र, ग्रामीण ढांचा, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा एवं कौशल विकास, जीवनस्तर में सुधार, वित्तीय क्षेत्र, कारोबार सुगमता और कर सुधारों पर केंद्रित होंगे।
जेटली ने कहा कि हमें ढांचागत सुधारों के जरिए अपनी बचाव क्षमता को मजबूत करना होगा। घरेलू बाजार पर निर्भर रहना होगा, जिससे वृद्धि सुस्त न पड़े। उन्होंने घोषणा की कि ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म 14 अप्रैल, 2016 को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 9 लाख करोड़ रुपए है।
अपनी बड़ी घोषणाओं में उन्होंने कहा कि आधार प्लेटफार्म पर लाभ के पात्र लोगों के लिए कानून बनाया जाएगा। मनरेगा के लिए 2016-17 में 38,500 करोड़ रुपए का प्रावधान है। एक मई, 2018 तक देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 35,984 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की और 2016-17 में डेढ़ करोड़ गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन के लिए 2,000 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार गहरे पानी में गैस खोज के लिए प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के लिए 8,500 करोड़ रुपए की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कृषि विकास योजना के तहत तीन साल में पांच लाख एकड़ जमीन को जैविक खेती के तहत लाया जाएगा। साथ ही, नाबार्ड में 20,000 करोड़ रुपए के कोष के साथ दीर्घावधि का एक समर्पित सिंचाई कोष बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भूजल बढ़ाने के प्रयासों के लिए 60,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 2016-17 में 19,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। राज्यों के योगदान के बाद यह राशि 27,000 करोड़ रुपए होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डायलिसिस योजना के तहत देश के हर जिले में मूल सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में छूट का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे, स्कूल प्रमाण पत्रों को सुरक्षित रखने के लिए डिजिटल डिपाजिटरी खोली जाएगी और फसल बीमा योजना के लिए सरकार 5,500 करोड़ रुपए का आवंटन करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 300 आर अर्बन संकुलों का विकास करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार संगठित क्षेत्र में कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहन देगी। ढांचागत क्षेत्र के लिए 2016-17 में 2,21,243 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन के लिए उन्होंने 9,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की और कहा कि छह करोड़ ग्रामीण परिवारों के लिए डिजिटल साक्षरता योजना शुरू की जाएगी। 2016-17 में ग्राम सड़क योजना सहित सड़क क्षेत्र के लिए कुल 97,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा, जबकि ग्रामीण विकास के लिए 87,765 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 75 लाख लोगों ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी। एक बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 3,500 मेडिकल स्टोर खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में एक करोड़ युवाओं को कुशल बनाया जाएगा। एनएचएआई, आरईसी और नाबार्ड अगले वित्त वर्ष में पूंजी बाजार से 31,300 करोड़ रुपए जुटाएंगे।
वित्तमंत्री ने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए 1,500 बहु कौशल प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। नौकरी-पेशा लोगों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि EPF में 8.33 प्रतिशत का योगदान सरकार करेगी। इसके अलावा शॉपिंग मॉल्स अब सप्ताह में सातों दिन खुले रह सकेंगे।
प्रति परिवार एक लाख रुपए का बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना दी जाएगी और 60 साल से ऊपर के लोगों को इस योजना में 30,000 रुपए का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में बुनियादी ढांचा के लिए कुल परिव्यय 2.21 लाख करोड़ रुपए है और सार्वजनिक परिवहन में परमिट कानून को समाप्त करना हमारा मध्यावधि का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ढाई करोड़ छोटे व्यवसायियों को एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया। अगले वित्त वर्ष में 1.80 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि बजट में सागरमाला परियोजना के लिए 8,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। साथ ही वर्ष 2016-17 में रेल और सड़क के लिए कुल आवंटन 2.18 लाख करोड़ रुपए रखा है। उन्होंने बताया कि दो हजार किलोमीटर राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्गों में बदला जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 का कुल बजट खर्च 19.78 लाख करोड़ रुपए है जिसमें योजना व्यय 5.50 लाख करोड़ रुपए और गैर योजना व्यय 14.28 लाख करोड़ रुपए है। साथ ही सरकार परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए एक वृहद योजना तैयार कर रही है। इसके लिए वार्षिक आवंटन 3,000 करोड़ रुपए हो सकता है।
उन्होंने कहा कि किराए के मकान में रहने वालों को 24,000 रुपए सालाना के बजाए अब 60,000 रुपए की कर राहत दी जाएगी। सीपीएसई की परिसंपत्तियों की रणनीतिक बिक्री के लिए सरकार नई नीति लाएगी। साथ ही अगले वित्त वर्ष में छोटी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर में कटौती की शुरुआत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 25,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। बैंक बोर्ड ब्यूरो अगले वित्त वर्ष से परिचालन शुरू करेगा। बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही पहली बार मकान खरीदने वालों को ब्याज में 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
सरकार कारोबार में सुगमता के लिए कंपनी कानून में संशोधन का विधेयक लाएगी। कंपनियों का पंजीकरण एक दिन में संभव होगा। एनपीएस में निकासी के समय 40 प्रतिशत कोष पर कर छूट मिलेगी और भारत में पैदा हुए और भारत में तैयार खाद्य उत्पादों पर 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी मिलेगी।