नई दिल्ली। रेलवे घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में अर्थपूर्ण भागीदार बनने के लिए उत्पादकता बढ़ाने और बेहतर विनिर्माण पद्धतियां अपनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और इससे वर्ष 2020 तक लगभग 4,000 करोड़ रुपए तक वार्षिक राजस्व जुटाएगा।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल किराए से इतर स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व में बढ़ोतरी करेगी। वर्तमान में किराए से इतर स्रोतों के जरिए 5 प्रतिशत से भी कम राजस्व अर्जित होता है और इसे अगले 5 वर्षों में बढ़ाकर 10 प्रतिशत के वैश्विक औसत तक लाया जाएगा।
रेलमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठाएं जाएंगे जिनमें स्टेशन पुनर्विकास, रेल पटरियों के आसपास की भूमि, सॉफ्ट परिसंपत्तियों, विज्ञापन, पार्सल कारोबार और विनिर्माण कार्यकलापों से राजस्व हासिल करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि स्टेशन पुनर्विकास के तहत खाली भूमि और स्टेशन की इमारतों के ऊपर के स्थान के वाणिज्यिक उपयोग के जरिए स्टेशनों के पुनर्विकास का एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया है। रेल पटरियों के आस-पास की भूमि को बागवानी तथा वृक्षारोपण के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। इससे वंचित वर्गों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग आदि को रोजगार में मदद मिलेगी। रेलवे भूमि पर अतिक्रमणों की भी रोकथाम होगी। इसके जरिए सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की संभावना का भी अध्ययन किया जाएगा।
प्रभु ने कहा कि सॉफ्ट परिसंपत्तियों से राजस्व अर्जित करने के तहत यात्रियों की प्राथमिकता, टिकटिंग के पैटर्न, गाड़ी चालन तथा अन्य विभिन्न सेवाओं तथा परिचालनों से संबंधित संकलित डाटा से धन जुटाना शामिल है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट के बड़ी संख्या में इस्तेमाल के मद्देनजर इस साइट पर भी ई-कॉमर्स गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि रेलवे के विशाल भौतिक और प्राकृतिक अवसंरचना का विज्ञापन के माध्यम से वाणिज्यिक उपयोग किया जाएगा। स्टेशनों, गाड़ियों और बड़े स्टेशनों के रेलमार्ग के आसपास की भूमि पर विज्ञापन संबंधी संभावनाओं का इस्तेमाल करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि किराए से इतर राजस्व के स्रोतों में वृद्धि करने के लिए रेलवे अपनी वर्तमान पार्सल नीतियों को उदार बनाएगा। रेलवे अपनी सेवाओं, खासतौर पर ई-कॉमर्स जैसे उदयीमान क्षेत्र में सेवाओं के दायरे को भी बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण कार्यकलापों से राजस्व अर्जित करने के लिए रेलवे घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में अर्थपूर्ण भागीदार बनने के लिए उत्पादकता बढ़ाने और बेहतर विनिर्माण पद्धतियां अपनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और इससे वर्ष 2020 तक लगभग 4,000 करोड़ रुपए तक वार्षिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य है। (वार्ता)