नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए दीर्घावधि योजना बनाने के वास्ते राज्य सरकारों, जनप्रतिनिधियों तथा अन्य केंद्रीय मंत्रालयों सहित सभी संबद्ध पक्षों के परामर्श से राष्ट्रीय रेल योजना 2030 बनाने की घोषणा की है।
प्रभु ने गुरुवार को लोकसभा में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि रेल योजना एवं निवेश संगठन स्थापित किया जाएगा, जो राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार करेगा। इस संगठन का कार्य मध्यावधि (5 वर्ष) तथा दीर्घावधि (10 वर्ष) की कॉर्पोरेट योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना और उसके आधार पर उन परियोजनाओं की पहचान करना है, जो कॉर्पोरेट लक्ष्यों को पूरा करें।
उन्होंने कहा कि यह संगठन स्वतंत्र रूप से बाजार के रुख और उसकी व्यावहारिकता का अध्ययन करेगा। वह मानक कार्यविधि तथा अनुमानों के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में भी सहायता करेगा। इसके अतिरिक्त यह चिह्नित परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण के नए तरीके सुझाएगा।
रेलमंत्री ने कहा कि 2030 योजना में रेल नेटवर्क का परिवहन के अन्य साधनों में सामंजस्य बनाने और उन्हें एकीकृत करने का प्रयास किया जाएगा ताकि देशभर में निर्बाध बहुआयामी परिवहन नेटवर्क का लक्ष्य हासिल करने के लिए सम्मिलित रूप से कार्य करने का माहौल बने। इससे सुरंगों तथा मेगापुल के साथ-साथ नई रेल लाइनों और नए राजमार्गों को बिछाकर परिवहन नेटवर्क की एकीकृत योजना बनाने में मदद मिलेगी। (वार्ता)