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दादा ने नहीं दिखाया 'दम'

आम को राहत, महँगाई पर उपाय नहीं

हमें फॉलो करें दादा ने नहीं दिखाया 'दम'
नई दिल्ली , सोमवार, 28 फ़रवरी 2011 (22:06 IST)
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वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवंटन में भारी वृद्धि जरूर की लेकिन महँगाई से त्रस्त आम आदमी को फौरी तौर पर राहत देने के लिए किसी विशेष उपाय की घोषणा नहीं की है।

संसद में पेश 2011-12 के बजट में वित्तमंत्री ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं को मामूली राहत देते हुए आयकर छूट की सीमा 1.60 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आम आदमी को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की न्यूनतम दर को चार प्रतिशत से बढ़ाकर पाँच प्रतिशत कर दिया है। इससे कागज, दवाएँ, चिकित्सा उपकरण, कपड़ा आदि महँगे हो जाएँगे।

इसके अलावा केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से मुक्त 370 वस्तुओं की सूची में से 130 वस्तुओं को हटा दिया गया है और इन पर एक प्रतिशत का शुल्क लगेगा। शेष 240 वस्तुएँ अगले वर्ष वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद कर दायरे में आ जाएँगी। सरकार के इस कदम से महँगाई और बढ़ने की संभावना है।

बजट में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का इरादा जाहिर करते हुए वित्तमंत्री ने सेवा कर की दर को दस प्रतिशत पर कायम रखते हुए इसके दायरे में कई और सेवाओं को लाने की घोषणा की है। महँगे होटल, शराब वाले रेस्त्राँ, पच्चीस बिस्तरों से अधिक क्षमता वाले अस्पताल, हवाई यात्रा पर तीन से दस प्रतिशत का सेवाकर लगाया है।

महँगाई को देखते हुए इस बात की प्रबल संभावना जताई जा रही थी कि लोगों पर ओर बोझ नहीं बढ़े इसके लिए पेट्रोलियम पदार्थों पर शुल्क की दरों में कमी की जा सकती है, लेकिन बजट में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।

आर्थिक संकट के वर्तमान दौर में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ अर्थव्यवस्था को संबल देने वाले कृषि क्षेत्र पर बजट में विशेष जोर दिया गया है। समय से ऋण चुकाने वाले किसानों को चार प्रतिशत की सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए फसल ऋण को एक लाख करोड़ रुपए बढ़ाकर 4.75 लाख करोड़ रुपए करने की घोषणा की गई है।

आपूर्ति और मांग के अंतर को कम कर महँगाई पर लगाम लगाने के लिए मोटे अनाज, दलहन, पाम ऑइल और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाने तथा 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का कुल आवंटन आगामी वित्त वर्ष में 6755 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7860 करोड़ रुपए किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में हरित क्रांति लाने के लिए 400 करोड रुपए के अतिरिक्त आवंटन से असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ में धान की खेती में सुधार किया जाएगा।

ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि को 16 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 18 हजार करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है। इस मद में बढ़ाया गया आवंटन भंडारण सुविधाएँ सृजित करने पर खर्च किया जाएगा।

अगले वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की गति को नौ प्रतिशत से ऊपर पहुँचाने के लिए बुनियादी सुविधा क्षेत्र में दो लाख 14 हजार करोड़ रुपए व्यय किए जाने की घोषणा की गई है, जो चालू वित्त वर्ष के आवंटन से 23 प्रतिशत अधिक है। रेल, बंदरगाह, आवास और राजमार्ग विकास में मदद के लिए सरकारी उपक्रमों को अगले वर्ष 30 हजार करोड़ रुपए के कर मुक्त बांड जारी करने की अनुमति दी जाएगी।

आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पच्चीस लाख रुपए तक की लागत वाले मकान की खातिर पन्द्रह लाख रुपए तक का ऋण लेने पर एक प्रतिशत की ब्याज छूट दी जाएगी।

आम आदमी को राहत देने के संप्रग सरकार के वादे को निभाते हुए मुखर्जी ने सामाजिक क्षेत्र के लिए आवंटन में 17 फीसदी की बढ़ोतरी कर इसे एक लाख साठ हजार 887 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है। यह कुल योजना आवंटन का 36.4 प्रतिशत है। भारत निर्माण के लिए 58 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष से दस हजार करोड़ रुपए अधिक है। सरकार ने देश की ढाई लाख पंचायतों को तीन वर्ष के अंदर ब्रॉडबैंड सुविधाएँ मुहैया कराने की एक योजना भी बनाई है।

विदेशों में जमा काले धन की समस्या से निपटने का उल्लेख जरूर किया किंतु इस संबंध में कोई नए ठोस उपाय की घोषणा नहीं की गई है। आर्थिक सुधारों को नई गति देने का इरादा जाहिर करते हुए मुखर्जी ने सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की इक्विटी बेचकर 40 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। बैकिंग और बीमा क्षेत्र में वर्षों से रुके पड़े सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए आगामी दिनों में विधेयक लाने का फैसला किया गया है।

शिक्षा क्षेत्र का आवंटन 24 प्रतिशत बढ़ाकर 52057 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। सर्वशिक्षा अभियान की राशि को 15 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 21 हजार करोड़ रुपए किए जाने की घोषणा की गई है।

रक्षा बजट में 11.6 फीसदी की वृद्धि : केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिहाज से मौजूदा वर्ष के 1,47,344 करोड़ रुपए के रक्षा बजट में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि कर वर्ष 2011-12 के लिए इसे 1,64,415 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव रखा है।

मुखर्जी ने आधुनिक हथियार प्रणालियों और रक्षा उपकरणों की खरीदी के लिए पूँजीगत व्यय के लिहाज से 69,199 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। (एजेंसियाँ)

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