PS 2 Review : पोन्नियिन सेल्वन भाग एक या पीएस पार्ट 1 आपने देखा है और पीएस 2 देखना का प्लान बना रहे हैं तो पीएस 1 को एक बार फिर देख लेना चाहिए ताकि कहानी दिमाग में फिर से ताजा हो जाए क्योंकि पीएस 2 में डिटेल्ड रिकैप नहीं है। पीएस 1 रोमांचकारी ड्रामा था और फिल्म को खास मोड़ पर लाकर खत्म किया गया था ताकि दूसरे भाग के प्रति दर्शकों में उत्सुकता जागे। पीएस 2 में कहानी को समेटा गया है और यह भाग भले ही पहले पार्ट जितना रोमांचकारी नहीं है, लेकिन निर्देशक मणिरत्नम के कहानी को कहने के तरीके के कारण यह मूवी पसंद आती है।
पोन्नियिन सेल्वन नामक उपन्यास पर आधारित चोल साम्राज्य के दौर की कहानी है जब सिंहासन हड़पने के लिए षड्यंत्रकारी खेल चलते थे। राज-परिवार में विश्वास-अविश्वास को लेकर भ्रम और संदेह उत्पन्न किए जाते थे, जिससे राजनतिक अस्थिरता उत्पन्न हो जाती थी। । यह उपन्यास बहुत लंबा है और इसे दो फिल्मों में समेटना आसान नहीं है इसलिए लिबर्टी भी ली गई है।
पहला भाग घटना प्रधान था। ढेर सारे किरदार, कई स्थान और कई घटनाएं फिल्म को तेज गति से दौड़ाती है। दर्शकों को पहले भाग में ड्रामा समझने में थोड़ी मुश्किल होती है, लेकिन दूसरे भाग में चूंकि हम किरदारों से परिचित रहते हैं इसलिए फोकस पूरी तरह से ड्रामे पर रहता है
कहानी की बात की जाए तो सेनापति पर्वतेश्वर का राजा सुंदर चोला और उसके दो बेटे आदित्य और अरुणमोजी के खिलाफ किया गया षड्यंत्र कामयाब होता है या नहीं यह पीएस 2 में दिखाया गया है।
पीएस 2 आदित्य और नंदिनी की टीनएज लवस्टोरी से शुरू होती है और गीत के माध्यम से इसे शानदार तरीके से पेश किया गया है। नंदिनी को चोला साम्राज्य से क्यों दूर किया गया और उसके बदला लेने की वजह का आधार इस टीनएज स्टोरी में नजर आता है।
पहले हाफ में कई उम्दा सीन देखने को मिलते हैं। दूसरे हाफ रिवेंज ड्रामा है और यहां पर ऐश्वर्या राय को शानदार दृश्य मिले हैं। वैसे भी मणिरत्नम फीमेल कैरेक्टर्स को बहुत सशक्त तरीके से पेश करने के लिए जाने जाते हैं और इस फिल्म से भी यह बात साबित होती है। ऐश्वर्या के विक्रम और कार्ती के साथ बढ़िया दृश्य देखने को मिलते हैं जिनका फिल्मांकन शानदार है। नंदिनी और उसकी मां मंदाकिनी के राज भी खोले गए हैं।
मणिरत्नम अपने निर्देशन से चमत्कृत करते हैं। गानों के माध्यम से कहानी को आगे बढ़ाया, जिस तरह से उन्होंने दृश्यों को फिल्माया और कहानी को पेश किया है वो तारीफ के काबिल है। मणिरत्नम टेक्नीकली बेहद मजबूत हैं और यह बात फिल्म की सिनेमाटोग्राफी, लाइटिंग और एडिटिंग में नजर आती है।
कार्ति और त्रिशा के बीच एक दृश्य को उन्होंने खूबसूरती के साथ दर्शाया है जिसमें कार्ति से त्रिशा मिलने जाती है और कार्ति की आंखों पर पट्टी बंधी है। इसी तरह ऐश्वर्या और विक्रम के बीच फेसऑफ वाला दृश्य भी लाजवाब है।
सिनेमाटोग्राफर रवि वर्मन फिल्म को अलग ही स्तर पर ले गए हैं। लांग शॉट, फुल शॉट और क्लोज़ अप को स्क्रिप्ट की मांग के अनुसार उन्होंने रखा है। लाइटिंग का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। मंदाकिनी की मौत वाला सीन लाइटिंग के कारण ही अच्छा बन पड़ा है।
एडिटर श्रीकर प्रसाद का काम बहुत कठिन था। इतने सारे किरदार और घटनाओं को समेटना आसान नहीं था। उन्होंने इस बात को पूरा ध्यान रखा कि दर्शकों को कंफ्यूजन न हो। एआर रहमान का संगीत और गुलजार के बोल कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
ऐश्वर्या राय बच्चन को पीएस 2 उभरने का मौका मिला, खासतौर पर फिल्म के दूसरे हिस्से में उन्हें ज्यादा दृश्य मिले हैं। बहुत ज्यादा एक्सप्रेशन्स तो उन्होंने नहीं दिखाए, लेकिन रोल को गरिमा के साथ निभाया। चियान विक्रम अपने कैरेक्टर को मजबूती देते हैं। कार्ति मनोरंजन करते हैं, हालांकि पहले पार्ट जितना फुटेज नहीं मिला। जयम रवि, तृषा सहित सारे कलाकारों की एक्टिंग सराहनीय है।
पीएस 2 अपने ड्रामे, विज्युअल्स और क्रॉफ्ट के कारण बड़े परदे पर देखने लायक फिल्म है।
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बैनर : लाइका प्रोडक्शन्स, मद्रास टॉकीज
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निर्देशक : मणिरत्नम
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संगीत : एआर रहमान
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कलाकार : चियान विक्रम, ऐश्वर्या राय बच्चन, कार्ति, जयम रवि, त्रिशा
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तमिल फिल्म हिंदी में डब
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सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटा 45
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रेटिंग : 3.5/5