अलीटा: बेटल एंजेल - मूवी रिव्यू

समय ताम्रकर
अलीटा: बेटल एंजेल फिल्म के लिए उत्सुकता होना इसलिए भी स्वाभाविक है क्योंकि इसके निर्माताओं में जेम्स कैमरून का नाम भी शामिल है जो 'टाइटैनिक' और 'अवतार' जैसी फिल्म दे चुके हैं। इस साई-फाई फिल्म का निर्देशन रॉबर्ट रॉड्रिग्ज ने किया है और यह फिल्म जापानी युकिटो किशिरो मैग्ना सीरिज पर आधारित है। 
 
फिल्म की कहानी सन 2563 में सेट है। एक महायुद्ध के बाद आयरन सिटी में बहुत नुकसान हुआ है। सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। साइबर्ग वैज्ञानिक डायसन इडो को कबाड़ में एक घायल फीमेल सायबर्ग मिलती है जिसमें मनुष्य का दिमाग लगा है। इडो उसका इलाज कर ठीक कर देता है। 
 
उस लड़की को अपनी अतीत याद नहीं है। इडो उसका नाम अलीटा रख देता है। अलीटा की मुलाकात एक टीनएज लड़के ह्यूगो से होती है जिसका सपना स्काय सिटी ज़लेम में जाना है जहां पर जीवन का स्तर बहुत ऊंचा है। दोनों शहर के बीच आवगमन बंद कर दिया गया है। 
 
जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है आधी रोबोट और आधी मनुष्य अलीटा को अपना अतीत थोड़ा-थोड़ा याद आने लगता है। उसे समझ में आता है कि उसकी जिंदगी का क्या उद्देश्य है। 
 
इस सिंपल कहानी में कुछ सब-प्लॉट्स जोड़े गए हैं जो फिल्म को मजबूती प्रदान करते हैं। अलिटा का रहस्यमयी अतीत, टीनएज रोमांस, एक खतरनाक 'मोटरबॉल' खेल, अलीटा को मारने का षड्यंत्र तथा रोबोट और इंसान के अजीबोगरीब मिले-जुले रूप वाले कैरेक्टर्स जिनका उद्देश्य दहशत फैलाना है। 
 
इन सब-प्लॉट्स के जरिये कहानी को आगे बढ़ाया गया है और फिल्म का अंत कुछ ऐसा किया गया है जिससे कहानी को अगले भागों में भी बताया जा सके, जैसे अलीटा के अतीत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है, स्काई सिटी और चांद पर लड़ाई की मात्र झलक दिखलाई है। संभव है कि आने वाले भागों में इस बारे में बताया जाए। 
 
फिल्म की शुरुआत उम्दा है। मोटरबॉल का खेल, अलीटा और ह्यूगों की मुलाकातें, इडो की रहस्यमी हरकतें, अलीटा का अपनी ताकत से परिचय और अजीबोगरीब किरदार फिल्म को रोचक बनाते हैं। फिल्म की कहानी लगभग साढ़े पांच सौ साल आगे की है और दर्शाया गया है कि तकनीकी रूप से इंसान कितना भी सशक्त हो जाए, लेकिन लड़ाई और दुनिया पर कब्जा करने की बरसों पुरानी चाह उसमें तब भी कायम रहेगी। सुकून और शांति तब भी नहीं मिलेगी। 
 
लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है वैसे-वैसे इसमें रूचि थोड़ी घटने लगती है क्योंकि बात को बहुत लंबा खींचा गया है। कई बार फिल्म ठहरी हुई लगती है। निर्देशक और लेखक बिना कहानी के केवल सीक्वेंसेस के जरिये दर्शकों को बांधने की कोशिश करते हैं। 
 
फिल्म का एक्शन बेहद थ्रिलिंग है और बहुत ही सफाई के साथ इसे शूट किया गया है। एक्शन में स्टाइल और रोमांच दोनों है। एनिमेशन और 3डी इफेक्ट्स वर्ल्ड क्लास हैं और रोमांचित करते हैं। 
 
निर्देशक के रूप में रॉबर्ट रॉड्रिग्ज का प्रस्तुतिकरण उम्दा है। इस एक्शन फिल्म में उन्होंने इमोशन और रोमांस का भी ध्यान रखा है। अलीटा के साथ अन्य किरदारों पर भी मेहनत की है। कलाकारों और तकनीशियनों से बढ़िया काम लिया है। यदि वे फिल्म की लंबाई पर भी नियंत्रण रखते तो और बेहतर होता। 
 
रोज़ा सालाजार ने अलीटा का लीड रोल अदा किया है। उनका लुक बेहतरीन है और अभिनय देखने लायक। अलीटा के किरदार की मासूमियत, ताकत को उन्होंने बेहतरीन तरीके से दर्शाया है। उनके चेहरे पर बड़ी आंखें सुंदर लगती हैं। 
क्रिस्टोफ वॉल्ट्ज़ बेहतरीन कलाकार हैं और डॉक्टर के किरदार में वे प्रभावित करते हैं। कीन जॉनसन, जेनिफर कॉनेली, मेहरशला अली सहित अन्य सपोर्टिंग एक्टर्स का काम भी उम्दा है। 
 
कुछ खामियों के बाद भी अलीटा बेटल एंजेल में दर्शकों को बांध कर रखने की क्षमता है। 
 
निर्माता : जेम्स कैमरून, जोन लैंडाउ 
निर्देशक : रॉबर्ट रॉड्रिग्ज
कलाकार : रोज़ा सालाजार, क्रिस्टोफ वाल्टज़, कीन जॉनसन, जेनिफर कॉनेली, मेहरशला अली
रेटिंग : 3/5 

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