बहुत कम सीरिज ऐसी होती हैं जिनका दूसरा सीज़न भी पहले की तरह बढ़िया होता है। सुष्मिता सेन की आर्या का दूसरा सीज़न स्ट्रीमिंग हुआ है और इस सीरिज में वैसा ही रोमांच नजर आता है जैसा कि पहले सीज़न में आया था।
आर्या सरीन को अपराध के दलदल में अपने पति की मौत के बाद इसलिए कूदना पड़ा था क्योंकि आंच बच्चों तक पहुंच रही थी। तीन बच्चों की मां आर्या अपराधियों और अपने बच्चों के बीच एक चट्टान की भांति खड़ी होकर उनकी रक्षा करती है।
आर्या सीज़न 1 के अंत में बताया गया था कि आर्या भारत छोड़ कर जा रही है, लेकिन एक फोन कॉल के जरिये बताया गया था कि मुसीबत खत्म नहीं हुई है। सीज़न 2 वहीं से शुरू होता है जहां पहला सीज़न खत्म हुआ था। आर्या को अदालत की कार्रवाई के लिए भारत वापस आना पड़ता है।
पहले सीज़न में आर्या अपने पति के कारनामों से अंजान थी। पति की मौत के बाद उसके 'धंधे' को समझने में उसे खासी मशक्कत करना पड़ी थी। जिसे अपना समझ कर वह सारे राज शेयर करती थी वही लोग उसकी कब्र खोदने में जुटे थे।
सीज़न 1 खत्म होने तक आर्या बहुत कुछ सीख चुकी थी। सीज़न 2 में वह तेज-तर्रार और चालाक दिखाई गई है। एक कैरेक्टर के रूप में उसकी काफी ग्रोथ हो चुकी है। अब वह हर कदम फूंक कर रखती है और सामने वाले के दांवपेंच से निपटना सीख गई है।
सीज़न 2 की शुरुआत धीमी और बिखरी सी लगती है। दोहराव भी दिखाई देता है। सीरिज को थोड़ा समय देना पड़ता है। मध्य से यह रफ्तार पकड़ती है और यह आखिरी तक कायम रहती है।
सीज़न 2 में सीज़न वन के कुछ कैरेक्टर नजर आते हैं जिनमें जयंत कृपलानी, सिकंदर खेर, अंकुर भाटिया, विकास कुमार, विश्वजीत प्रधान शामिल हैं, साथ ही कुछ नए किरदार भी जोड़े गए हैं जो सीरिज को धार देते हैं।
निर्देशक के रूप में राम माधवानी, विनोद रावत और कपिल शर्मा ने बदला और षड्यंत्र के अलावा किरदारों के इमोशन्स पर भी खासा ध्यान दिया है। उन्होंने सीज़न 1 का फ्लेवर को कायम रखते हुए सीज़न 2 में थोड़ा अलग करने का प्रयास भी किया है।
दिक्कत तब होती है जब सिनेमा के नाम पर ली जाने वाली छूट सीरिज में भी लेते दिखाई देते हैं। फिल्म और सीरिज के भेद को समझना जरूरी है क्योंकि यहां पर अलग दर्शक वर्ग रहता है।
सुष्मिता सेन इस सीरिज की असली स्टार हैं। पहले सीज़न में भी उनका अभिनय काबिल-ए-तारीफ था और दूसरे सीज़न में उन्होंने धमाकेदार वापसी की है। एक ऐसी मां जो शांत है, लेकिन अपने बच्चों पर खतरा मंडराते देख शेरनी की तरह खतरनाक हो जाती है। केवल सुष्मिता के अभिनय के लिए ही यह सीरिज देखी जा सकती है।
कुछ ट्रेक अधूरे से लगते हैं। शायद सीज़न 3 में उन पर काम किया जाए। सीजन 2 के बाद सीजन 3 को देखने की उत्सुकता बढ़ती है और यही इस सीरिज की कामयाबी है।
निर्देशक : राम माधवानी, विनोद रावत, कपिल शर्मा
कलाकार : सुष्मिता सेन, सिकंदर खेर, अंकुर भाटिया, विकास कुमार
ओटीटी प्लेटफॉर्म : डिज्नी प्लस हॉटस्टार