नाम से ही जाहिर है कि फिल्म सेक्शन 375 की कहानी इंडियन पैनल कोड लॉ के सेक्शन 375 के इर्दगिर्द घूमती है। यह एक जबरदस्त कोर्टरूम ड्रामा है।
फिल्म निर्देशक रोहन खुराना (राहुल भट्ट) पर आरोप है कि उसने पिछड़े वर्ग की जूनियर कास्ट्यूम असिस्टेंट अंजली डांगले का बलात्कार किया है। यह एक हाईप्रोफाइल मामला है इसलिए चारों ओर सनसनी फैल जाती है।
रोहन को अदालत में डिफेंस करने के लिए क्रिमिनल लॉयर तरुण सलूजा (अक्षय खन्ना) आता है जो एक नामी वकील है और कानून की बारीकियों से वाकिफ है।
अंजली की ओर से केस लड़ती है हिरल मेहता (ऋचा चड्ढा) जो एक समय तरुण के साथ थी। अदालत में तरुण और हिरल बेहद मजबूती के साथ अपना-अपना पक्ष रखते हैं।
क्या अंजली का सचमुच बलात्कार हुआ है? क्या रोहन अपने बचाव में झूठ बोल रहा है? क्या एक महिला उसी कानून को अपनी ढाल बना रही है जो उसके लिए बनाया गया है?
क्या तरुण अपने क्लाइंट को बचाने के लिए झूठ का सहारा लेगा? यह मर्जी का मामला है या जबरदस्ती का?
इन सवालों के जवाब फिल्म में परत दर परत उजागर किए गए हैं।