ऋषिकेश मुखर्जी ने वैसे तो 'आनंद' राज कपूर को ध्यान में रख कर प्लान की थी, लेकिन जब फिल्म बनने की बारी आई तो राज कपूर की हीरो बनने की उम्र निकल चुकी थी।
ऋषिदा ने इसके बाद किशोर कुमार के नाम पर विचार किया। किशोर कुमार की छवि हास्य अभिनेता की बन चुकी थी, शायद इसलिए किशोर को लेने का इरादा ऋषिकेश ने त्याग दिया।
इसके बाद उन्होंने राज कपूर के छोटे भाई शशि कपूर को फाइनल कर लिया। 'आनंद' की शानदार स्क्रिप्ट की खुशबू उस दौर के सुपर सितारे राजेश खन्ना तक पहुंच गई थी।
राजेश खन्ना ने 'आनंद' में खासी रूचि ली और किसी तरह से यह फिल्म हथिया ली। शशि कपूर के हाथ से एक अच्छी फिल्म निकल गई।
जैसा कर्म करोगे, वैसा फल भुगतोगे वाली बात कुछ दिनों में चरितार्थ हो गई। राज कपूर ने जब सत्यम शिवम सुन्दरम फिल्म की योजना बनाई तो राजेश खन्ना को हीरो के रूप में चुन लिया।
काका के लिए यह बेहतरीन मौका था। वे शो-मैन राज कपूर के निर्देशन में काम करने की बात सोच कर ही खुश हुए जा रहे थे, लेकिन यह क्या, फिल्म उनके हाथ से निकल गई।
राजेश खन्ना को एक दिन पता चला कि उनकी जगह शशि कपूर ने ले ली है। उस समय राजेश वैसा ही महसूस कर रहे थे जैसा कि शशि 'आनंद' हाथ से निकलने पर कर रहे थे।