लता मंगेशकर ने कई यादगार गाए हैं। हर गीत एक से बढ़कर एक है। लता को तो अपने हर गीत में कमियां नजर आती थी। उनका मानना था कि जब वे अपना गाया गीत सुनती हैं तो उन्हें लगता था कि इसे और बेहतर तरीके से गाया जा सकता था। या ये गलती कर दी जो आम आदमी पकड़ ही नहीं पाता था। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कोई ऐसा गाना है जिसे गाकर उन्हें अफसोस हुआ हो कि ये क्यों गा दिया? तो लता ने एक गाने का जिक्र किया था।
लता का कहना है कि फिल्म 'संगम' का गीत 'मैं का करूं राम मुझे बुढ्ढा' मिल गया' को गाने का उन्हें ताउम्र अफसोस रहा। लता के अनुसार जब फिल्म के निर्देशक राज कपूर उनके सामने ये गीत लाए तो उन्हें बिलकुल पसंद नहीं आया। उन्होंने इसके बोलो पर आपत्ति लेते हुए तुरंत इसे गाने से मना कर दिया।
हालांकि यह बात आसान नहीं थी क्योंकि राज कपूर दिग्गज फिल्मकार थे और उनकी तमाम फिल्मों में लता ने मधुर गाने गाए थे। लता ने राज कपूर से कहा कि ये गाना वे नहीं गा सकती। किसी और से गंवा लीजिए। राज कपूर भी अड़ गए कि यह गीत तो लता ही गाएगी।
लता ने बोल बदलने के लिए कहा तो राज कपूर ने उन्हें फिल्म की सिचुएशन समझा कर कहा कि बोल नहीं बदले जा सकते। आखिरकार राज कपूर की जिद के आगे लता को झुकना पड़ा। उन्होंने गुस्से में यह गाना रिकॉर्ड करवाया और राज कपूर से बात करना बंद कर दिया। यहां तक कि उन्होंने फिल्म 'संगम' कभी नहीं देखी। कुछ वर्षों बाद लता का गुस्सा शांत हुआ तो उन्होंने राज कपूर की अन्य फिल्मों में अपनी आवाज दी, लेकिन इस गाने को लेकर उन्हें हमेशा अफसोस बना रहा।