Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

'कौन बनेगा करोड़पति 12' के कर्मवीर एपिसोड में मूक बधिर बच्चों के लिए संस्था चलाने वाले ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kaun Banega Crorepati
, गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020 (16:01 IST)
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो 'कौन बनेगा करोड़पति 12' आम आदमियों की दिल छू लेने वाली कहानियों से लाखों लोगों को प्रेरित कर रहा है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों से उभरते हुए या तो अपनी जिंदगियों में या दूसरों की मदद करते हुए सेटबैक को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

 
ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है अगले कर्मवीरों- ज्ञानेंद्र पुरोहित और उनकी पत्नी मोनिका पुरोहित की। इंदौर के यह दंपति मूक बधिर बच्चों की मदद के लिए आनंद सर्विस सोसाइटी नाम की एक संस्था चलाते हैं। इस संस्था की स्थापना 1997 में हुई, जिसका नाम पुरोहित के भाई के नाम पर रखा गया, जो हमेशा विशेष जरूरतों वाले बच्चों की मदद करने की इच्छा रखते थे, खासतौर से उन बच्चों की, जो मूलभूत जरूरतों और शिक्षा के अभाव में दूसरों पर आश्रित रहते हैं। 
 
Kaun Banega Crorepati
आनंद सर्विस सोसाइटी का उद्देश्य इन बच्चों को हर संभव तरीके से सामान्य जीवन देना है, ताकि वो रोजगार और अच्छी जिंदगी के साथ अपना सुरक्षित भविष्य बना सकें। इस मौके पर ज्ञानेंद्र पुरोहित ने सनी नाम के एक स्टूडेंट की कहानी बताई, जिससे वो एक बार मिले थे।
 
उन्होंने बताया, सनी सामान्य बच्चों की तरह पढ़ना चाहता था, इसलिए मैं उसे स्कूल ले गया ताकि वो सामान्य रूप से शिक्षा हासिल कर सके। मैंने इस आश्वासन के साथ उसकी सामान्य पढ़ाई पर जोर दिया कि मैं और मेरी पत्नी बारी-बारी से स्कूल आएंगे और टीचर जो भी बताती है, उसे वो सनी जैसे विशेष बच्चों को संकेत की भाषा (साइन लैंग्वेज) में अनुवाद करके समझाएंगे। इसके नतीजे इतने आश्चर्यजनक रहे कि सनी जैसे विद्यार्थियों ने क्लास में फर्स्ट रैंक हासिल की।
 
Kaun Banega Crorepati
इन कर्मवीरों की कहानी और उनके काम से प्रभावित होकर केबीसी 12 के मेगा होस्ट अमिताभ बच्चन ने इस दंपति से इन बच्चों की मुश्किलों के बारे में जानना चाहा और यह भी पूछा कि ये बच्चे अपनी समस्याएं किस तरह बताते हैं।
 
मोनिका पुरोहित ने बताया, कुछ बच्चों के साथ भयानक हादसे भी हुए हैं। यह जानकर हैरानी होती है कि ये बच्चे अपनी जिंदगी में इतने बुरे दौर से गुजर चुके हैं। लेकिन सच तो कड़वा होता है। दोनों पति-पत्नी पूरी संवेदनशीलता के साथ इन बच्चों को इस मानसिक उथल-पुथल से बाहर निकलने और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करते हैं।
 
उनकी तरकीबें अनोखी हैं और वो अधिकारियों को भी इस मामले में संवेदनशीलता के साथ समझाते हैं कि वो बच्चा क्या कहने की कोशिश कर रहा है। अमिताभ बच्चन ने राष्ट्र के निर्माण में इस दंपति के नेक योगदान की सराहना की और इन कर्मवीरों से कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान के अपने अनुभव बताने को कहा।
 
Kaun Banega Crorepati
ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा, जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो हमने महसूस किया कि हमारे देश के 70 लाख लोग मूक-बधिर हैं। हमें इस बात की चिंता थी कि यह सूचना उन तक कैसे पहुंचेगी। हमने तुरंत एक यूट्यूब चैनल बनाया और सांकेतिक भाषा के वीडियोज़ के जरिए लॉकडाउन के बारे में जानकारी देने की कोशिश की ताकि यह देश के सभी लोगों तक पहुंच सके।
 
लॉकडाउन के दौरान आनंद सर्विस सोसाइटी की ओर से भी सहायता की गई। ज्ञानेंद्र बताते हैं, इन वीडियोज को देखने के बाद हमें गुरुग्राम के एक मूक-बधिर व्यक्ति से एक वीडियो कॉल आया। उन्होंने तीन दिनों से खाना नहीं खाया था और कोविड-19 की स्थिति के कारण उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया था। हम उन तक पहुंचे और उन्हें राशन उपलब्ध कराया।
सिर्फ इतना ही नहीं, जब लॉकडाउन जारी रहा तो बहुत से लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने लगे। इस दंपति ने इन सभी प्रवासियों से सांकेतिक भाषा में वीडियोज भेजने को कहा, जिन्हें वे आगे कुछ सरकारी अधिकारियों तक पहुंचाते थे। मध्य प्रदेश के ऐसे ही कुछ मूक बधिर बच्चे गुरुग्राम में फंसे हुए थे। अधिकारियों को उनकी तकलीफों के बारे में बताया गया जिससे इन बच्चों को मध्यप्रदेश में अपने घर सुरक्षित लौटने में मदद मिली। इस सफलता को देखते हुए आनंद सोसाइटी को देश के 22 राज्यों से मूक बधिर व्यक्तियों के कॉल आए, जिन्हें इस लॉकडाउन के दौरान मदद की जरूरत थी।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'मिशन इम्पॉसिबल 7' में मेड इन इंडिया बाइक चलाते नजर आएंगे टॉम क्रूज, केंद्रीय मंत्री बोले- मिशन पॉसिबल बना रहा है