67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में सुपरस्टार रजनीकांत को फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया है। रजनीकांत को भारतीय सिनेमा जगत में अतुलनीय योगदान देने के लिए इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरू में जन्मे रजनीकांत का आज पूरी फिल्म इंडस्ट्री में डंका बजता है। अपने करोड़ों फैंस के बीच रजनी 'थलाइवा' नाम से मशहूर हैं। रजनीकांत मनोरंजन जगत में कदम रखने से पहले रजनीकांत बस कंडक्टर थे।
जिस बस में रजनीकांत कंडक्टर थे उस बस के ड्राइवर राज बहादुर से रजनीकांत की आज भी दोस्ती है। दोनों की दोस्ती को 50 साल हो गए हैं लेकिन रजनीकांत उन्हें नहीं भूले। इतना ही नहीं रजनीकांत ने अपना अवॉर्ड भी इस दोस्त को समर्पित किया है।
रजनीकांत ने बताया कि उनके दोस्त राज बहादुर ही थे जिन्होंने उनके अभिनय की क्षमता को पहचाना और उन्हें फिल्मों में जाने के लिए प्रेरित किया। उस वक्त रजनीकांत बस कंडक्टर और उनके दोस्त बस ड्राइवर थे। रजनीकांत ने बताया कि वो अपने इस दोस्त की बदौलत ही फिल्मों में आ पाए।
स्टार बनने के बाद भी रजनीकांत अपने दोस्त को भूले नहीं और कहा कि उन्होंने ही रजनीकांत को रजनीकांत बनाया और तमिल बोलनी भी सिखाई थी।
इतना ही नहीं एक्टिंग स्कूल में खर्च चलाने के लिए राज बाहदुर रजनीकांत को अपनी आधी सेलरी यानी 200 रुपए भी भेज दिया करते थे। राज बहादुर के घर में रजनीकांत के लिए एक कमरा खास तौर पर रिजर्व है। वह हमेशा उनसे मिलने जाते रहते हैं।