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इस वजह से अपने माता-पिता से नफरत करने लगी थीं परिणीति चोपड़ा

हमें फॉलो करें इस वजह से अपने माता-पिता से नफरत करने लगी थीं परिणीति चोपड़ा

WD Entertainment Desk

, मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 (07:02 IST)
बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा 22 अक्टूबर को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। परिणीति का जन्म 1988 को अंबाला के एक पंजाबी परिवार में हुआ था। परिणीति को बचपन से ही पढ़ने लिखने का काफी शौक था। परिणीति ने शुरुआती पढ़ाई कॉन्वेंट जीसस एंड मैरी से पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गईं। 
 
परिणीति ने मैनचेस्टर बिजनेस स्कूल से व्यापार, वित्त और अर्थशास्त्र में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर कुछ साल काम किया लेकिन मंदी के चलते 2009 में वह भारत वापस लौट आईं।
 
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परिणीति ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत साल 2011 में आई फिल्म 'लेडिज वर्सेज रिक्की बहल' से की थी। इस फिल्म में परिणीति ने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के लिए वह सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित भी की गई थीं। 
 
परिणीत चोपड़ा की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब वह अपने माता-पिता से नफरत करने लगी थीं। परिणीति को घर में किसी से भी बात करना पसंद नहीं था। वह घर से बाहर निकलने से भी डरने लगी थीं। दरअसल, ये उस वक्त की बात है जब परिणीति स्कूल में पढ़ा करती थीं।
 
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परिणीति पढ़ने लिखने में बेहद होशियार थीं। उनके पिता के पास कार खरीदने के पैसे नहीं थे, तो वह साइकिल से ही स्कूल जाती थीं। स्कूल के रास्ते में कुछ दूर तक उनके माता-पिता उन्हें छोड़ा करते थे। आगे का सफर वह खुद ही तय करती। इस बीच रास्ते में उन्हें कुछ लड़के मिलते, जो उन्हें परेशान किया करते थे।
 
परिणीति ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि जब भी वह स्कूल जाती तो रास्ते में कुछ लड़ते उनका पीछा करते, रास्ते भर उन्हें चिढ़ाते, इतना ही नहीं कई बार वह मेरे स्कर्ट को उठाने की कोशिश करते। इस वजह से परिणीति बेहद परेशान हो गई थीं। हर ‍दिन छेड़छाड़ का शिकार होने की वजह से परिणीति को अपने माता-पिता से नफरत होने लगी। 
 
परिणीति को लगता था कि उनकी वजह से ही उन्हें साइकिल से स्कूल जाना पड़ रहा है। बाद में परिणीति को एहसास हुआ कि उनके माता-पिता के पास गाड़ी खरीदने के पैसे नहीं थे और वो चाहते थे कि उनकी बेटी किसी से न डरे। इसलिए वह उन्हें आधे रास्ते तक ही छोड़ने के लिए आते थे।

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