Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

गुलजार के जीवन पर आधारित किताब गुलजार साब - हजार राहें मुड़ के देखीं का हुआ विमोचन

किताब के लॉन्च इवेंट में हेमा मालिनी ने गुलजार साहब से जुड़े कई रोचक किस्से बताए

Advertiesment
हमें फॉलो करें Book on Gulzar's life

WD Entertainment Desk

, शुक्रवार, 12 जनवरी 2024 (14:27 IST)
  • लॉन्च इवेंट में पहुंचे कई दिग्गज कलाकार 
  • गुलजार ने हेमा को लंबे बाल रखने से किया था मना
  • हेमा की तेज बोलने की आदत से परेशान थे गुलजार 
Gulzar Saab Hazar Rahein Mud Ke Dekhi: 'आइना देखकर ऐसा लगा की इस घर मे मेरा हाल पूछनेवाला कोई और भी हैं।' ये तो शुरुआत थी उस अद्भुत शाम की जहां गुलज़ार साहब के गहरे व्यकितत्व के सरोबार में डूबा उनका हर एक शागिर्द। साल की शुरुआत इतनी रुमानियत हो जाएगी ऐसा तो सोचा ही नही। 
 
मुंबई की एक शाम गुलज़ार हुई जहां उनके जीवनी पर लिखी किताब 'गुलजार साब- हज़ार राहें मुड़ के देखी' का विमोचन हुआ और इस शाम को अपनी खूबसूरती से बागबान किया ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने जो इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर आईं। गुलज़ार साहब की चार फिल्मों में नायिका के तौर पर हेमा जी ने अपनी गहरी छाप छोड़ चुकी हैं। 
 
Book on Gulzar's life
हेमा मालिनी ने इस मौके पर पुरानी बातों को याद किया। हेमा मालिनी ने 1975 में आई अपनी फिल्म ‘खुशबू’ को लेकर भी चर्चा की, उन्होंने बताया कि, एक जमाने में हीरोइन लंबे बाल और हाई मेकअप को लेकर ज्यादा सजग रहती थीं। अगर हमारे बाल लंबे नहीं होते थे तो हम बालों में विग लगाकर रहते थे। जब मैं गुलजार के सेट पर गई तो उन्होंने मुझे लंबे बाल रखने से मना कर दिया। गुलजार ने कहा, कोई दिखावा करने की जरूरत नहीं जैसे हो वैसे रहो। फिर मेरी मां मुझे मेकअप रूम लेकर गईं और उन्होंने मेरी साड़ी भी बदलवा दी क्योंकि वो सिंपल लग रही थीं।
हेमा के तेज बोलने की आदत से परेशान थे गुलजार
इसके बाद हेमा मालिनी ने ये भी बताया जब वो कैमरे के सामने शूट करती तो उन्हें बहुत तेज बोलने की आदत थी, हेमा मालिनी ने बताया, गुलजार ये देखकर परेशान हो गए थे और उन्होंने मुझसे पूछा-तुम्हें कहा जाना है? मैंने कहा, मुझे अगले शूट पर जाना है। ये बात सुनकर गुलजार कहते हैं, शूट बाद में हो जाएगा, पहले तुम धीरे और थोड़ा क्लियर बोलो। मेरे लिए धीरे बोलना थोड़ा मुश्किल था।
 
Book on Gulzar's life
हेमा मालिनी ने ये भी बताया कि सेट पर गुलज़ार उनकी किस बात को नापसंद करते थे। उन्होंने कहा, जब वो डांस करतीं थीं तो उनकी आंखें ऊपर चढ़ जाती थी, लेकिन गुलजार को ये पसंद नहीं आता था तो वो हेमा मालिनी को कई टेक लेने के लिए बोलते थे।
 
गुलज़ार साहब ने भी दिल को छू लेने वाली बात कही। अपने साहित्यिक सफर के एक गहरे पहलू के बारे में उन्होंने कहा कि, यदि फिल्मकार एवं संगीतकार विशाल भारद्वाज उन्हें प्रेरित नहीं करते तो वह अपने कॅरियर में संन्यास लेने के बाद शायद गुमनामी में खो गए होते।
 
Book on Gulzar's life
गुलज़ार ने कहा कि, विशाल भारद्वाज ने उन्हें एक गीतकार के रूप में अपना करियर जारी रखने के लिए प्रेरित किया। मैं सीखने के लिए तैयार हूं और इंसान को सीखते रहना चाहिए। अगर मैं बड़ा हो गया तो सीखना बंद कर दूंगा। कोई भी व्यक्ति जीवन में अकेले कुछ भी हासिल नहीं कर सकता। मैं सबसे ज्यादा सीखा हुआ नहीं हूं और ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने मुझसे ज्यादा सीखा है, इसलिए मैं उनसे प्रेरणा लेता हूं।
 
विशाल भारद्वाज ने कहा कि, गुलजार के साथ काम करना उनका सपना था और उनके साथ लंबे समय तक जुड़ाव पाकर वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं।
 
Book on Gulzar's life
गुलजार साब: हजार राहें मुड़ के देखीं…’ पुस्तक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता यतींद्र मिश्रा द्वारा लिखी गई है और वाणी प्रकाशन समूह ने इसे प्रकाशित किया है। किताब में मिश्रा जी ने खुलासा किया है कि गुलजार ने ‘देवदास’ नाम से एक फिल्म के निर्देशन की योजना बनाई थी जिसमें हेमा मालिनी, धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर से अभिनय कराने के बारे में सोचा गया।
 
वाणी प्रकाशन के प्रकाशक अरुण माहेश्वरी ने बताया कि कैसे प्रकाशन गृह के साथ गुलज़ार साब की यात्रा 25 पुस्तकों से आगे बढ़ी और हर कदम पर रिश्ता बढ़ता गया। वो कहते हैं कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 'गुलज़ार साब: हज़ार रहें मुड़ के देखीं' की प्रीसेल्स इतनी सफल रही हैं कि पहला संस्करण लॉन्च से पहले ही बिक गया।
 
हेमा जी के अलावा इस मौके पर राजा साहेब बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक और कवि शीन काफ निज़ाम, प्रशंसित लेखक प्रसून जोशी, अनुभवी निर्देशक-संगीतकार विशाल भारद्वाज, अनुभवी गायिका मालिनी अवस्थी, गीतकार मनोज मुंतशिर जैसे कई दिग्गजों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मैरी क्रिसमस मूवी रिव्यू: रात संगीन, सुबह रंगीन | Merry Christmas review in Hindi