बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने बीते साल मीटू कैंपेन के तहत नाना पाटेकर और गणेश आचार्य पर यौन शोषण का आरोप लगाकर सभी को चौंका दिया था। तनुश्री ने इनके खिलाफ ओशिवारा पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि नाना पाटेकर के खिलाफ यौन शोषण की जांच एक डेड एंड पर पहुंच गई है।
एफआईआर दाखिल होने के 7 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस को तनुश्री की शिकायत के समर्थन में एक भी गवाह नहीं मिला है, जिससे वो इस मामले को आगे नहीं बढ़ा पा रही है। पुलिस के अनुसार, उन्होंने तकरीबन 12 से 15 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं लेकिन किसी का भी स्टेटमेंट तनुश्री के आरोपों का समर्थन नहीं करता। सीधे तौर पर कहा जाए तो गवाह अपने बयान से मुकर गए हैं।
गवाहों के मुकरने से पुलिस भी तनुश्री के आरोपों को साबित करने में नाकाम साबित हो रही है। मौजूदा गवाहों के मुताबिक या तो उन्हें कुछ ठीक से याद नहीं है या सही-सही नहीं बता सकते कि आखिर उस दिन क्या हुआ था।
घटना 2008 में फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के एक आइटम डांस को शूट करने के दौरान घटी बताई जा रही है। गवाहों में डेजी शाह का नाम भी शामिल है जो उस समय गणेश आचार्य की असिस्टेंट थीं। गवाहों में ज्यादातर बैकग्राउंड डांसर और सेट पर उस समय मौजूद रहे कर्मचारी हैं। डेजी ने भी बीते साल नवंबर में अपना बयान दर्ज कराया था और उनका कहना है कि वो ऐसी किसी घटना को याद नहीं कर पा रही हैं।
वहीं, तनुश्री ने दावा किया कि गवाह अब उनके विरोधी हो गए हैं क्योंकि वे या तो नाना के दोस्त हैं या उन्हें धमाकाया गया है। लेकिन इन सबके बावजूद तनुश्री ने कहा कि, उन्हें पूरा भरोसा है कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा न केवल अपने लिए बल्कि उन सबके लिए जो फिल्म जगत में बैठे नाम और सत्ता धारी लोगों द्दारा शोषित की जाती है।