सिद्धार्थ शुक्ला का 2 सितंबर को निधन हो गया। जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार रात को सिद्धार्थ को बैचेनी महसूस हुई थी और यह बात उन्होंने अपनी खास दोस्त शहनाज और मां को भी बताई थी। सभी जानना चाहते हैं कि आखिर उस रात हुआ क्या था। शहनाज़ ने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया है।
रात 3 से साढ़े तीन के बीच सिद्धार्थ ने शहनाज को बताया था कि उन्हें बेचैनी महसूस हो रही है और सीने में दर्द भी है। शहनाज़ ने तुरंत सिद्धार्थ की मां को बताया जो उसी अपार्टमेंट में पांचवीं मंजिल पर रहती हैं। वे सिद्धार्थ के फ्लैट नंबर 1204 पर पहुंचीं।
सिद्धार्थ से उन्होंने भी बात की। पानी दिया और कहा कि वे आंखें बंद कर आराम करें और सोने की कोशिश करें। सिद्धार्थ उसी समय शहनाज़ गिल की हथेलियों में सिर रख कर सो गए। शहनाज़ को थोड़ी देर बाद वॉशरूम जाना था, लेकिन उन्होंने देखा कि सिद्धार्थ सोया है तो वे हिली नहीं क्योंकि इससे सिद्धार्थ जाग न जाएं।
सुबह 5.30 पर शहनाज़ ने महसूस किया कि सिद्धार्थ का बदन ठंडा पड़ता जा रहा है। एक बार फिर शहनाज़ ने सिद्धार्थ की मां को फोन किया और सारा माजरा बताया। इसी अपार्टमेंट में सिद्धार्थ की बहन प्रीति भी रहती हैं उन्हें भी फ्लैट नंबर 1204 में बुलाया गया।
परिवार ने सिद्धार्थ की सांस चेक की। नाड़ी चेक की। सिद्धार्थ को बिस्तर से जमीन पर उतारा। फैमिली डॉक्टर को बुलाया। जब देखा कि मामला गंभीर है तो सिद्धार्थ को लेकर सभी कूपर अस्पताल पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने चेक कर उन्हें 'डेथ बिफोर अराइवल' घोषित किया।