बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा बीते काफी समय से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। शिल्पा और राज ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके घर को खाली करने के लिए नोटिस भेजे जाने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने ईडी की ओर से जारी बेदखली नोटिस पर रोक लगा दी है।
कोर्ट का कहना है कि जब तक संपत्ति कुर्की आदेश को चुनौती देने वाली शिल्पा और राज कुंद्रा की याचिका पर अपीलेट ट्रिब्यूनल सुनवाई नहीं कर लेता, तब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। शिल्पा और कुंद्रा को मुंबई के जुहू में उनके घर और पुणे में एक फॉर्म हाउस को 10 दिनों के अंदर खाली करने का नोटिस जारी किया था।
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के वकील प्रशांत पाटिल ने उनपर चल रहे मामले के संबंध में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया किया है। बयान में कहा गया है कि सबसे पहले, हम उन फर्जी मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट कर दें, जिनमें दावा किया गया है कि राज कुंद्रा और उनकी पत्नी श्रीमती शिल्पा शेट्टी कुंद्रा का क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पोंजी घोटाले से कोई लेना-देना है।
प्रवर्तन निदेशालय का मामला तो ऐसा है ही नहीं। यह स्पष्ट किया जाता है कि राज कुंद्रा और श्रीमती शिल्पा शेट्टी कुंद्रा का 2017 के तथाकथित पोंजी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।
एविक्शन नोटिस पर टिप्पणी करते हुए, एडवोकेट पाटिल ने कहा, मेरे मुवक्किलों की आवासीय संपत्तियों के खिलाफ ईडी द्वारा एक एविक्शन नोटिस जारी किया गया था, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है, जिससे राज कुंद्रा और श्रीमती शिल्पा शेट्टी कुंद्रा को आगे की राहत के लिए दिल्ली में माननीय अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करने का समय मिल गया है।