साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को 51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसका ऐलान किया है। कोरोनावायरस की वजह से इस बार सभी पुरस्कारों को घोषणा देरी से हुई है। रजनीकांत को साल 2019 का दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिया जाएगा।
दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड माना जाता है। रजनीकांत को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड तीन मई को दिया जाएगा। प्रकाश जावड़ेकर ने में कहा, हमें खुशी है कि देश के सभी भागों से फिल्मकार, अभिनेता, अभिनेत्री, गायक, संगीतकार सभी लोगों को समय समय पर दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला है। आज इस साल का दादा साहब फाल्के अवॉर्ड महान नायक रजनीकांत को घोषित करते हुए हमें बहुत खुशी है।
रजनीकांत बीते 5 दशक से सिनेमा की दुनिया पर राज कर रहे हैं। रजनीकांत की असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। उन्होंने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बालचंद्र की फिल्म 'अपूर्वा रागनगाल' से एंट्री ली थी। इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी थे।
रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। साल 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिया। उनकी पहली हिन्दी फिल्म अंधा कानून थी। आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं।