सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म, फेवरिज्म, इनसाइडर्स और आउटसाइडर्स पर चर्चा हो रही है। हाल ही में म्यूजिक कंपोजर और ऑस्कर अवॉर्ड विजेता एआर रहमान ने बताया था कि इंडस्ट्री में एक गैंग है, जो उनके खिलाफ काम कर रहा है। अब एक और ऑस्कर विनर का दर्द छलका है। साउंड डिजाइनर और एडिटर रेसूल पूकुट्टी ने खुलासा किया है ऑस्कर मिलने के बाद उन्हें हिंदी और रीजनल फिल्म इंडस्ट्री में काम पाने के लिए किस कदर संघर्ष करना पड़ा था। बता दें, रेसूल को फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए अकैडमी अवॉर्ड मिला था।
दरअसल, एआर रहमान के गैंग वाली बात का खुलासा करने के बाद डायरेक्टर शेखर कपूर ने ट्वीट कर लिखा था- ‘तुम्हें पता है कि तुम्हारी दिक्कत क्या है? आपने जाकर ऑस्कर अवॉर्ड जीता.. ऑस्कर बॉलीवुड में मौत को चूमने के समान है... ये अवॉर्ड साबित करता है कि तुम्हारे अंदर इतना टैलेंट है कि बॉलीवुड इसे हैंडल नहीं कर सकता है।’
शेखर कपूर की इस बात का जवाब देते हुए रेसूल पूकुट्टी ने अपनी आपबीती के बारे में बताया। उन्होंने लिखा कि ‘इस बारे में मुझसे पूछो.. मैं टूटने के करीब था.. क्योंकि ऑस्कर जीतने के बाद हिंदी और रीजनल सिनेमा में मुझे काम मिलना बंद हो गया.. कई प्रोडक्शन हाउस ने तो मुझे मुंह पर ही कह दिया कि उन्हें मेरी जरूरत नहीं है. लेकिन मैं फिर भी अपनी इंडस्ट्री से प्यार करता हूं।’
रेसूल ने आगे लिखा कि ‘लेकिन यहां कुछ लोग हैं जो मुझपर विश्वास करते थे..और आजतक करते हैं. मैं बड़े आराम से हॉलीवुड जा सकता था लेकिन मैं नहीं गया और मैं नहीं जाऊंगा...भारत में किए मेरे काम ने मुझे ऑस्कर जिताया, मैं MPSE के लिए 6 बार नॉमिनेट हुआ और जीता भी...वो सब उस काम के लिए था जो मैंने यहां किया.. आपको बहुत से लोग मिलेंगे जो आपको नीचे गिराना चाहते हैं। लेकिन मेरे पास मेरे लोग हैं, जिनपर मैं भरोसा करता हूं।’
रेसूल पूकुट्टी ने ऑस्कर के श्राप के बारे में बताते हुए लिखा- ‘कुछ समय बाद जब मैंने अपने अकैडमी के दोस्तों और सदस्यों से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे ऑस्कर के श्राप के बारे में बताया। ये सभी के साथ होता है। मुझे उस फेज से गुजरने में मजा आया, जब आप दुनिया के शीर्ष पर होते हो और लोग आपको आपको रिजेक्ट करते हैं, यही आपके लिए सबसे बड़ा रियलिटी चेक होता है।’
अपनी बात को खत्म करते हुए रेसूल लिखते हैं कि ‘ऑस्कर का श्राप खत्म हो चुका है, हम आगे बढ़ चुके हैं। नेपोटिज्म की बहस जिस दिशा में जा रही है, ये बात मुझे पसंद नहीं आ रही है। मैं किसी पर मुझे काम नहीं देने के लिए इल्जाम नहीं लगा रहा हूं।’