नॉर्थ-ईस्ट फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 24 से 26 मार्च के बीच सिक्किम फिल्म बोर्ड द्वारा एनएफडीसी और फाइंड स्टूडियोज़ के सहयोग से मुंबई में किया गया। इस महोत्सव का उद्देध्य भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों के फिल्मकारों को बढ़ावा देना था। इस फ़िल्म महोत्सव का मुंबई में आयोजन करने का मकसद मेनस्ट्रीम फिल्म इंडस्ट्री से उत्तर-पूर्व की प्रतिभाओं को जोड़ना और उन्हें अधिकतम एक्पोज़र दिलाना रहा।
एनईएफएफ 2023 में उत्तर-पूर्व के विभिन्न क्षेत्रों की बेहतरीन किस्म की फिल्में, शॉर्ट फिल्में और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इस आयोजन में महिमा चौधरी, रणदीप हुड्डा, गुलशन ग्रोवर, पद्मिनी कोल्हापुरे, मुकेश छाबड़ा, अशोक पंडित, अभिनव कश्यप, पूनम ढिल्लन, पूजा शर्मा, यशपाल शर्मा जैसी कई हस्तियों ने शिरकत की और इस तरह के अनूठे आयोजन की तारीफ़ की।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देशक आर्मस्ट्रांग पेम ने इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वे उत्तर-पूर्व के राज्यों में आकर अपनी फिल्मों की शूटिंग करें जहां सभी का बहुत स्वागत है और शूटिंग करने के इच्छुक तमाम फिल्मकारों के लिए स्थानीय स्तर पर उत्तम व्यवस्था की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव के दौरान जिन फ़िल्मों को प्रदर्शित किया गया, वे इस प्रकार हैं:
प्रथम दिवस-
पद्मश्री वरेप्पा नापा (रिचुअल्स टू मेनस्ट्रीम)
द हॉर्स फ़्रम हेवन
मास्क आर्ट ऑफ़ मजूली
समर ऑफ़ सोल
द्वितीय दिवस-
अ स्टार इज़ बॉर्न
सागा दावा (अ क्लोज़ वॉच)
द गवरमेंट सर्वेंट
तेंज़िंग बोडोसा (एक आदिवासी उद्यमी की कहानी)
नकम्ह- रियांगसुअनेइक
मोहन रा मदन
साउंड फ़्रम द होलो बैम्बू
द फ़र्स्ट स्काय
द अदर
ज़िहोत डौरी गोल
तृतीय दिवस-
मिज़ो साउंडस्केप्स
माई नेम इज़
मोजोली
बोहाग बोहाग मॉन
लेम्बी लीका
इस महोत्सव के आयोजन का मुख्य मकसद था उत्तर पूर्व के सांस्कृतिक और भाषाई परंपराओं का प्रचार-प्रसार करना और उसे बाकी राज्यों के बीच उचित व गौरवपूर्ण स्थान दिलाना। इसके अतिरिक्त उत्तर-पूर्व की प्रतिभाओं को मुख्यधारा की इंडस्ट्री से जोड़ना और उन्हें भरपूर अवसर उपलब्ध कराना भी इस आयोजन का मुख्य मक़सद रहा। इसके तहत देशभर का ध्यान उत्तर-पूर्व के ख़ूबसूरत लोकेशन्स की ओर दिलाना भी था।
उल्लेखनीय है कि बॉलीवुड से लेकर उत्तर-पूर्व के कई फ़िल्मकारों ने इस फिल्म महोत्सव में हिस्सा लिया। डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों और फीचर फिल्मों की हिस्सेदारी के लिहाज़ से एनईएफएफ को बढ़िया प्रतिसाद मिला। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्व के मणिपुर, असम, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचम प्रदेश जैसे राज्यों ने इस महोत्सव में बढ़-चढ़कर अपनी हिस्सेदारी दर्ज़ कराई और इस आयोजन को सफल बनाया।
Edited By : Ankit Piplodiya