बॉलीवुड एक्ट्रेस कोंकणा सेन शर्मा जल्द डिजिटल स्पेस में डेब्यू करने वाली हैं। कोंकणा मशहूर बंगाली कैबरे डांसर मिस शेफाली की जिंदगी पर आधारित एक वेब सीरीज का निर्देशन करने वाली हैं। इस सीरीज का निर्माण जी स्टूडियो कर रहा है। 2020 की शुरुआत में इसकी शूटिंग शुरू होगी।
मिस शेफाली का असली नाम आरती दास है, जिसने 60 और 70 के दशक में कलकत्ता (अभी कोलकाता) में ‘क्वीन ऑफ कैबरे’ के रूप में राज किया था। आरती दास ने हमेशा अपनी शर्तों पर अपना जीवन जिया। बॉलीवुड में कैबरे और आइंटम डांस का ट्रेंड शुरू करने वाली एक्ट्रेस हेलन को आरती अपना गुरु मानती थीं। उन्होंने मशहूर फिल्म डायरेक्टर सत्यजीत रे के साथ काम भी किया है। इसके अलावा उन्होंने थिएटर में भी काम है।
आरती दास का कैबरे क्वीन ‘मिस शेफाली’ बनने का सफरनामा-
विभाजन के बाद बांग्लादेश से कलकत्ता शिफ्ट
आरती महज छह महीने की थी, जब उसके माता-पिता विभाजन के बाद उसे लेकर बांग्लादेश से कलकत्ता आ गए। तीन बहनों में सबसे छोटी थीं आरती। उनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। उनके पिता बीमारी के कारण बिस्तर पर रहते थे और मां आहिरीटोला में एक बंगाली परिवार के यहां खाना बनाने का काम करती थीं। मां के काम से लौटने के बाद ही उन्हें खाना मिलता था और कभी-कभी वो भी नहीं मिलता था।
11 साल की उम्र में पहली नौकरी
आरती बचपन से ही अपने मां-बाबा और परिवार के बारे में सोचती थीं, इसलिए वह अपने पड़ोस में रहे रही एक नर्स से हमेशा अपने लिए कोई काम ढूंढने को कहती रहती थी। आरती उस वक्त सिर्फ 11 साल की थीं, जब उस नर्स ने उनकी मां को बताया कि चांदनी चौक इलाके में एक एंग्लो-इंडियन परिवार को एक नौकरानी की दरकार है। मां मान गई और आरती को अपनी पहली नौकरी मिल गई।
डांस की ओर रुझान
वह एंग्लो-इंडियन परिवार रोज रात को पार्टी करता था। उनके कई दोस्त आते थे, म्यूजिक बजता था और सब लोग डांस किया करते थे। छोटी-सी आरती पर्दे के पीछे से उन सबको डांस करते हुए देखा करती थी और अकेले में वह डांस स्टेप्स कॉपी करने की कोशिश भी करती थी।
फिर्पो में नौकरी और 700 रुपये सैलरी
विवियन हैनसन नाम का एक शख्स अकसर एंग्लो-इंडियन परिवार के यहां आया करता था, जो कि उस वक्त पार्क स्ट्रीट के मोकांबो रेस्त्रां में सिंगर था। एक दिन हिम्मत कर आरती ने विवियन से कोई इससे अच्छा काम दिलाने की बात की, तो विवियन ने सिर्फ एक सवाल किया- डांस कर सकती हो... तो आरती ने भी बेझिझक बोल दिया, हां!
विवियन पहले उसे ओबेरॉय ग्रैंड होटल ले गया, लेकिन वहां बात नहीं बनी। फिर वह आरती को पार्क स्ट्रीट के फिर्पो (Firpo’s) ले गया, और वहां आरती को काम मिल गया। उस समय कलकत्ता में फिर्पो सबसे महंगे और फैंसी होटलों में से एक था। वहां आरती की सैलरी 700 रुपये थी, जो कि एंग्लो-इंडियन परिवार के यहां मिलने वाली सैलरी के 10 गुना थी। सैलरी के अलावा उसे खाना और रहने के लिए बंगला भी दिया गया। उसे हवाई से लेकर बेली डांस और चार्लस्टन से लेकर ट्विस्ट सभी तरह के वेस्टर्न डांस फॉर्म सिखाने के लिए यूरोपियन महिला ग्लोरिया आती थी। साथ ही, उसके के लिए हिंदी और इंग्लिश ट्यूटर भी रखा गया था।
पहले डांस परफॉर्मेंस से पहले खूब रोई
13 साल की आरती दास को अपना पहला परफॉर्मेंस फिर्पो के लीडो रूम में देना था। शो से पहले उसने जब अपना कॉस्ट्यूम पहना, तो वह खूब रोई। वह ड्रेस ऐसी थी कि उसके हाथ से लेकर पैर सब कुछ दिख रहा था। वह बिकिनी ब्लाउस था, जो बेली डांसर्स पहना करती हैं। लेकिन उसने खुद को समझाया कि ये उसका प्रोफेशन है, तो उसे बुरा नहीं लगना चाहिए। उसके बाद वह इस तरह नाची कि जैसे आज ही उसका आखिरी दिन हो। उसका परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद हॉल में मौजूद सभी लोग आधे घंटे तक नॉन-स्टॉप तालियां बजा रहे थे। यही वह पल था जब पहली बंगाली कैबरे डांसर ‘मिस शेफाली’ का जन्म हुआ। उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आरती दास उर्फ मिस शेफाली जल्द कलकत्ता नाइटलाइफ की पर्याय बन गई। फिर्पो के बाद उन्होंने 17 साल तक ओबेरॉय ग्रैंड पर राज किया।
(फोटो संदर्भ: Instagram/अमेजन से संध्या रातेर शेफाली बुक का स्क्रीनशॉट)