फिल्म केदारनाथ से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहीं सारा अली खान का कहना है कि वह नहीं चाहतीं कि उनको एक स्टार किड के तौर पर जाना जाए। उनके नाम के पहले या उनकी पहचान बताने के लिए उनके पिता सैफ अली खान और मां अमृता सिंह का नाम न बताया जाए।
सारा ने कहा कि वह चाहती हैं कि उन्हें अपनी मम्मी की बेटी के तौर पर जाना जाए। अमृता सिंह और सैफ अली खान की बेटी सारा चार साल की उम्र से ही हीरोइन बनना चाहती थीं और उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। इसके बाद ही उनका अभिनय का सपना सच हुआ। वह अभिषेक कपूर की केदारनाथ फिल्म से अपना करियर शुरू करने जा रही हैं।
सारा ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब आपकी उम्र चार साल हो और आप हीरोइन बनना चाहती हों तब यह एक अलग चीज होती है। हम वास्तव में नहीं जानते हैं कि इस उम्र में हम क्या चाहते हैं। उम्र बढ़ती जाती है और जब आप आठ साल के होते हैं, फिल्में देखते हैं तब आपकी सोच और अधिक दृढ़ हो जाती है।
उन्होंने कहा कि फिर उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय भेजा गया। डिग्री लेकर वापस आने पर भी फिल्मों में अभिनय का सपना नहीं टूटा। यह चस्का नहीं है। यह आपकी लालसा है। इसकी एक अलग तीव्रता और गंभीरता है। इसके बाद आप इसकी तैयारी शुरू करती हैं।
सारा ने कहा कि उनकी मां ने उन्हें और उनके भाई की परवरिश यथार्थ के साथ करने की कोशिश की। मां मेरे लिए बहुत खास हैं। मैं आज भी लगभग हर बात पर उनसे सलाह लेती हूं। मेरे लिए स्टार संतान होने से ज्यादा जरूरी है, अपनी मां की बेटी होना। उन्होंने बेहद सादा जीवन जिया है।
उन्होंने कहा मां ने हमेशा चाहा कि मेरे और भाई के अंदर उनकी अच्छाइयां आएं। इसलिए नहीं कि वह एक स्टार रही हैं बल्कि इसलिए, कि अभिनय की दुनिया में आने से पहले वह बिंदास और ईमानदार महिला थीं। उनके साथ मैंने अब तक 23 साल बिताए हैं और उम्मीद है कि उनके गुण मुझमें जरूर होंगे।
पिता सैफ के बारे में सारा ने कहा कि वह बहुत सुरक्षात्मक हैं। वह मुझे अच्छी तरह समझते हैं और बहुत चाहते हैं। इस काम से भी वह भलीभांति परिचित हैं। मुझे नहीं लगता कि कभी उन्होंने मुझे इससे दूर रहने के लिए समझाने की कोशिश की। बल्कि उन्होंने मुझे कहा कि मुझे बहुत ज्यादा मजबूत होने की जरूरत है।