Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

छोटे से लेकर बड़े पर्दे तक एक्टिंग का लोहा मनवा चुके हैं शाहरुख खान

Advertiesment
हमें फॉलो करें Shahrukh Khan

WD Entertainment Desk

, शनिवार, 2 नवंबर 2024 (11:11 IST)
2 नवंबर 1965 को दिल्ली में जन्में शाहरुख खान के पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुए थे। अभिनय से जुड़ने और संचार की विभिन्न विधाओं को नजदीक से समझने के लिए शाहरुख ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की। साल 1988 में शाहरुख खान ने बतौर अभिनेता छोटे पर्दे के धारावाहिक 'फौजी' से अपने करियर की शुरूआत की।
 
साल 1991 में अपने सपनो को साकार करने के लिए शाहरुख मुंबई आ गए। अजीज मिर्जा ने शाहरुख खान की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें अपने धारावाहिक सर्कस में काम करने का मौका दे दिया। उन्हीं दिनों हेमा मालिनी को अपनी फिल्म 'दिल आशना है' के लिए दिव्या भारती के अपोजिट नए चेहरे की तलाश थी। शाहरुख खान को जब इस बात का पता चला तो वह अपने दोस्तों की मदद से इस फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने के लिए गए और चुन लिए गए।
 
Shahrukh Khan
इस बीच शाहरुख को फिल्म 'दीवाना' में काम करने का अवसर मिला। ऋषि कपूर जैसे मंझे हुए अभिनेता की मौजदूगी में भी शाहरुख खान ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको को अपना दीवाना बना लिया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर की ओर से नए अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। इस बीच निर्देशक जोड़ी अब्बास-मस्तान की नजर शाहरुख पर पड़ी। उस समय वह अंग्रेजी के नोबल 'ए किस बिफोर डेथ' पर एक फिल्म बनाना चाह रहे थे। 
 
इस फिल्म में शाहरुख खान का किरदार ग्रे शेड्स लिए हुआ था। शाहरुख ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और इसके लिए हामी भर दी। साल 1993 में रिलीज फिल्म बाजीगर सुपरहिट साबित हुई और वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
 
साल 1993 में ही शाहरुख खान को यश चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म 'डर' में काम करने का अवसर मिला। 1995 में शाहरुख खान को यश चोपड़ा की ही फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। शाहरुख खान के संजीदा अभिनय से फिल्म सुपरहिट साबित हुई। 
 
Shahrukh Khan
साल 1999 में शाहरुख खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और अभिनेत्री जूही चावला के साथ मिलकर ड्रीम्स अनलिमिटेड बैनर की स्थापना की। इस बैनर के तहत सबसे पहले शाहरूख खान ने 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी' का निर्माण किया। दुर्भाग्य से अच्छी पटकथा और अभिनय के बाद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गई।
 
बाद में इसी बैनर तले शाहरुख खान ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म 'अशोका' बनाई लेकिन इसे भी दर्शकों ने बुरी तरह से नकार दिया। हालांकि उनके बैनर तले बनी तीसरी फिल्म 'चलते चलते' सुपरहिट साबित हुई। वर्ष 2004 में शाहरुख खान ने रेडचिली इंटरटेनमेंट कंपनी का भी निर्माण किया और उसके बैनर तले 'मैं हूं ना' का निर्माण किया जो सुपरहिट साबित हुई। बाद मे इस बैनर तले उन्होंने ने पहेली, काल, ओम शांति ओम, बिल्लू बार्बर, चेन्नई एक्सप्रेस, हैप्पी न्यू ईयर और दिलवाले जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया।
 
साल 2007 शाहरुख खान के करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ जब लंदन के प्रसिद्ध म्यूजियम मैडम तुसाद में उनकी मोम की प्रतिमा लगायी गई। उसी साल शाहरुख खान ने एक बार फिर छोटे पर्दे की ओर रूख किया और स्टार प्लस के सुप्रसिद्ध शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के तीसरे सीजन में होस्ट की भूमिका निभाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
 
शाहरुख खान अपने सिने करियर में आठ बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजे जा चुके है। शाहरुख खान के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री काजोल के साथ खूब जमी। बीते साल शाहरुख खान पठान, जवान और डंकी जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आए थे। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मशहूर फैशन डिजाइनर रोहित बल का निधन, 2 हफ्ते पहले किया था कमबैक शो