सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का पीरियड ड्रामा 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' दर्शकों को महान अहिल्याबाई होल्कर की सबसे प्रतिष्ठित और दमदार कहानियों में से एक दिखा रहा है। ये कहानी अहिल्याबाई होल्कर की यात्रा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने 18वीं सदी के उन सामाजिक नियमों को चुनौती दी थी, जो औरतों को सीमाओं में बांधते थे।
इस साल के अधिकांश समय दर्शकों को टीवी स्क्रीन्स से बांधे रखने के बाद, इस शो ने हाल ही में सात साल का टाइम-लीप लिया, जिसके बाद 'युवा अध्याय' की शुरुआत हुई। लीप के बाद अहिल्या के पति खंडेराव होल्कर का युवा किरदार निभाने के लिए अभिनेता गौरव अमलानी को चुना गया है।
पर्दे पर अपना सहज आकर्षण दिखाने वाले गौरव न सिर्फ टेलीविजन और फिल्म उद्योग में बढ़िया काम के लिए जाने जाते हैं, बल्कि एक थिएटर कलाकार के रूप में भी मशहूर हैं। ऐसे में वे इस रोल के लिए बिलकुल फिट हैं।
यह खास रोल निभाने को लेकर गौरव अमलानी कहते हैं, खंडेराव होल्कर की भूमिका निभाना मेरे लिए एक शानदार अवसर है। मैं खुद इस शो का फैन रहा हूं इसलिए मेरे उत्साह का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे प्रतिभाशाली एक्टर्स के साथ स्क्रीन शेयर करना मुझे अपना बेस्ट देने के लिए प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने कहा, अहिल्याबाई कई लोगों के लिए प्रेरणा रही हैं और उनकी कहानी का हिस्सा बनना चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ रोमांचक भी है। मुझे इस रोमांचक अनुभव का इंतजार है। इसके अलावा, मुझे व्यक्तिगत रूप से पीरियड ड्रामा और ऐतिहासिक शोज़ बहुत पसंद हैं, क्योंकि इसमें ऐसी चुस्त कहानियां होती हैं, जिसमें दर्शकों के लिए बहुत कुछ होता है।
अहिल्याबाई और खंडेराव के बचपन की भूमिकाएं निभाने वाले बाल कलाकार अदिति जलतारे और क्रिश चौहान के बारे में बात करते हुए गौरव कहते हैं, अदिति और क्रिश दोनों ने शो में अहिल्याबाई और खंडेराव की भूमिकाएं निभाते हुए शानदार काम किया है। उन्होंने हमारे लिए काफी कुछ छोड़ा है। ये एक चुनौतीपूर्ण काम होगा, क्योंकि दर्शक अक्सर एक्टर्स से जुड़ जाते हैं। मुझे उम्मीद है कि एतशा और मैं दोनों दर्शकों के साथ तालमेल बिठाएंगे और उनकी तारीफें हासिल करेंगे।
इस शो का वर्तमान ट्रैक एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर प्रकाश डालता है जो आज भी प्रासंगिक है - 'उत्पीड़न'। जब एक प्रतिष्ठित आदमी, जो अहिल्या के विस्तृत परिवार का हिस्सा है, पर गांव में महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया जाता है, तो अहिल्या एक कदम उठाती है और उसे उचित दंड देने का फैसला करती है। लेकिन उन्हें अपने दरबार में खासतौर से उनके अपने विश्वस्त लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। अहिल्या के ठीक से शासन ना कर पाने की शिकायतों के बीच मल्हार वापस लौटते हैं और वे पूरी तरह से अहिल्या के फैसले का समर्थन करते हैं।