ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा की जीवंतता और आधुनिकता दर्शाते हुए गोवा में आयोजित 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में कंट्री फोकस: ऑस्ट्रेलिया खंड में विशेष फीचर-फिल्म के रूप में 'फोर्स ऑफ नेचर : द ड्राई 2' का प्रदर्शन किया गया।
फिल्म फोर्स ऑफ नेचर : द ड्राई 2 के लेखक, निर्देशक, और निर्माता रॉबर्ट कोनोली ने आज मीडिया से अपनी फिल्म के बारे में बातचीत की। फिल्म में पांच महिलाएं एक सुदूर जंगल में कार्यकारी भ्रमण में पहुंचती हैं लेकिन उनमें से केवल चार ही वापस लौटती हैं।
संघीय पुलिस एजेंट आरोन फॉक लापता हाइकर को तलाशने में जुट जाता है। जैसे-जैसे वह इसमें आगे बढ़ता है उस दुर्गम परिदृश्य की उसकी बचपन की पुरानी स्मृतियां फिर से उभरने लगती हैं, जो इस रहस्य से जुड़ी हुई हैं। सिनेमाई उत्कृष्टतापूर्ण यह फिल्म न्याय, पारिवारिक निष्ठा और अतीत के भावनात्मक आघातों की पड़ताल करती है। ग्रामीण ऑस्ट्रेलियाई पृष्ठभूमि पर आधारित यह मनोरंजक थ्रिलर जांच के तनाव और कई चरित्रों से युक्त कहानी है।
फिल्म के निर्देशक रॉबर्ट कोनोली ने मीडिया के साथ संवाद में भारतीय सिनेमा के प्रति अपनी गहरी सराहना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम सिनेमा के जरिए भारत के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं, और मुझे खचाखच भरे भारतीय दर्शकों के लिए फिल्म प्रदर्शित करने में बहुत आनंद आया। अपने फिल्मों में परिदृश्यों के महत्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिल्म की कथा आगे बढ़ाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। अपनी फिल्म कथानक को आगे बढ़ाने में उन्होंने इसे महत्वपूर्ण और विशेष चरित्र बताया। उन्होंने कहा कि सार्थक फिल्म गढ़ने में लोगों पर परिदृश्यों के प्रभाव को समझना आवश्यक है।
सिनेमा के जरिये जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों को सामने लाने के मुद्दे पर निर्देशक कोनोली ने माना कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और उभरते फिल्म निर्माताओं को ऐसी फिल्में बनाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को सामने लाए।
उन्होंने भारतीय सिनेमा की बढ़ती वैश्विक पहुंच का उल्लेख किया और कहा कि ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में दर्शक इन फिल्मों को देखते हैं। उन्होंने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की सराहना की और कहा कि यह दुनिया भर में कुछ रोमांचक कहानियों के निर्माण की बुनियाद है।